सोनिया व ऑस्कर फर्नाडिस ने भी दी आयकर विभाग के नोटिस को चुनौती
याचिका में कहा गया था कि आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर नौ अगस्त को आयकर अपील ट्रिब्यूनल में सुनवाई है, ऐसे में उन्हें अंतरिम राहत दी जाए।
नई दिल्ली [जेएनएन]। यंग इंडियन व नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बाद कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस ने आयकर विभाग के पुनर्मूल्यांकन नोटिस को दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी है। सोमवार को दायर की गई अलग-अलग याचिका पर सुनवाई के लिए मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध हुई है। राहुल गांधी के द्वारा दायर की गई याचिका के साथ ही मंगलवार को सभी मामले पर सुनवाई होगी।
राहुल गांधी की तरफ से दायर याचिका में कहा गया था कि आयकर विभाग द्वारा जारी नोटिस पर नौ अगस्त को आयकर अपील ट्रिब्यूनल में सुनवाई है, ऐसे में उन्हें अंतरिम राहत दी जाए। इसका एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) तुषार मेहता द्वारा विरोध करने पर पीठ ने 14 अगस्त को सुनवाई के लिए तारीख तय की थी।
आयकर विभाग के अनुसार राहुल गांधी के वित्तीय वर्ष 2011-12 पुनर्मूल्यांकन को दोबारा कराने का फैसला इसलिए लिया क्योंकि राहुल ने यह जानकारी नहीं दी थी कि वह 2010 से यंग इंडिया के निदेशक थे। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकील ने कहा था कि राहुल पर किसी भी तरह का कोई आयकर बकाया नहीं हैं और इसलिए वह किसी भी तरह का आयकर चुकाने के हकदार भी नहीं हैं।
यह है पूरा मामला
नेशनल हेराल्ड समाचार पत्र की मालिकाना कंपनी एसोसिएट्स जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) है। साल 2011 में कांग्रेस ने कंपनी को 90 करोड़ का कथित लोन देकर इसकी देनदारियों को अपने पास कर लिया था। फिर पांच लाख रुपये से यंग इंडियन कंपनी बनाई थी, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38 फीसद हिस्सेदारी तय हुई थी। 24 फीसद हिस्सेदारी कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस की है।
राज्यसभा सदस्य सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस ने यंग इंडिया को एजेएल को खरीदने के लिए असुरक्षित कर्ज दिया था। मामले में सोनिया और राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा और यंग इंडियन आरोपी हैं। आरोप है कि गांधी परिवार हेराल्ड की प्रॉपर्टी का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहा है।