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EXCLUSIVE: अंग्रेजों के खिलाफ भी हथियार बना था 'अच्छे दिन आने वाले हैं'

अच्छे दिन आने वाले हैंइस एक नारे ने देश में सियासत की तस्वीर पलट दी थी लेकिन, बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस नारे के पीछे एक इतिहास छुपा है।

By Vikas JangraEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 10:45 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 01:52 PM (IST)
EXCLUSIVE: अंग्रेजों के खिलाफ भी हथियार बना था 'अच्छे दिन आने वाले हैं'
EXCLUSIVE: अंग्रेजों के खिलाफ भी हथियार बना था 'अच्छे दिन आने वाले हैं'

नई दिल्ली [संजीव कुमार मिश्र]। अच्छे दिन आने वाले हैं..इस एक नारे ने देश में सियासत की तस्वीर पलट दी और भाजपा की ऐतिहासिक जीत के साथ नरेंद्र मोदी सत्ता के शिखर पर आसीन हो गए। लेकिन, बहुत कम लोग जानते होंगे कि इस नारे के पीछे एक इतिहास छुपा है।

दरअसल, यह महज एक नारा नहीं, बल्कि आजादी के एक दीवाने के मन में उपजा वह भाव था, जिसने ब्रितानी हुकूमत की नींव हिला दी थी। अच्छे दिन आने वाले हैं शीर्षक से लिखी गई रचना ने स्वतंत्रता के बाद के भारत की खूबसूरत तस्वीर दिखाकर लोगों को जंगे आजादी में कूदने के लिए प्रेरित किया था। अंग्रेज इस रचना से इस कदर खौफजदा थे कि उन्होंने इसे प्रतिबंधित कर दिया था। यह रचना इन दिनों राष्ट्रीय संग्रहालय में प्रदर्शित की गई है, जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय बनी हुई है। à¤¨à¥‡à¤¶à¤¨à¤² म्यूजियम नई दिल्ली के लिए इमेज परिणाम

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स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर राष्ट्रीय संग्रहालय में सन 1919 से 1942 तक के प्रतिबंधित साहित्य की प्रदर्शनी लगाई गई है, जो नौ सितंबर तक चलेगी। राष्ट्रीय संग्रहालय के पदाधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शित रचनाओं में देशभक्ति कूट-कूटकर भरी है। यही कारण था कि अंग्रेज इनसे भयभीत हो गए थे।

ये कविताएं, लेख अब राष्ट्रीय धरोहर का हिस्सा हैं। यहां मुरादाबाद के घासीराम शर्मा द्वारा संकलित एवं प्रकाशित किताब 'गांधी गीतांजलि' में अच्छे दिन आने वाले हैं शीर्षक से एक रचना भी है, जिसे अंग्रेजों ने सन 1930 में प्रतिबंधित कर दिया था। हालांकि, यह रचना किसने लिखी है इसका जिक्र नहीं है।
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अंग्रेजों को सख्त हिदायत
रचनाकार ने इस रचना के माध्यम से अंग्रेजों को सख्त हिदायत दी थी। संग्रहालय के पदाधिकारियों की माने तो पर्चे पर इस रचना को छपवाकर उस समय बांटा गया था, लेकिन अंग्रेजों को इसकी भनक लग गई और उन्होंने इसपर प्रतिबंध लगा दिया। रचना की कुछ पंक्तियां इस प्रकार हैं-

ऐ मादरे हिंद न हो गमगीन, दिन अच्छे आने वाले हैं।
आजादी का संदेश तुझे अब जल्द सुनाने वाले हैं।

मां तुझको जिन जल्लादों ने दी है तकलीफ जईफी (बुढ़ापा) में।
मायूस न हो मगरूरों को हम अब मजा चखाने वाले हैं।
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लोकसभा चुनाव में गूंजा था नारा
2014 के लोकसभा चुनाव में अच्छे दिन आने वाले हैं.. नारा खूब हिट हुआ था। नरेंद्र मोदी की अगुआई में भाजपा ने देश की जनता का दिल जीत लिया था। भाजपा की ऐतिहासिक जीत के बाद मोदी ने भारत की विजय, अच्छे दिन आने वाले हैं, ट्वीट किया था, जिसे देश में सबसे ज्यादा रिट्वीट किया गया था।

यह रचना गांधी गीतांजलि किताब में प्रकाशित है। घासीराम शर्मा ने इस किताब का संकलन एवं संपादन किया था। इसे किसने लिखा था यह पता लगाना मुश्किल है। -संगीता माथुर, सहायक निदेशक राष्ट्रीय संग्रहालय


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