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नक्सली गणपति का कथित फोन कॉल, राजनीतिक साजिश या शरारत

छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष को नक्सली सुप्रीमो का आया कथित कॉल।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 12:16 AM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 12:16 AM (IST)
नक्सली गणपति का कथित फोन कॉल, राजनीतिक साजिश या शरारत
नक्सली गणपति का कथित फोन कॉल, राजनीतिक साजिश या शरारत

संजीत कुमार, रायपुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को नक्सली संगठनों के सुप्रीमो गणपति के नाम आए कथित मोबाइल फोन कॉल ने राजनीतिक व प्रशासनिक हलके में भूचाल ला दिया है। कांग्रेस ने इसे राजनीतिक साजिश मानते हुए पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।

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रायपुर व दुर्ग जिला पुलिस के साथ स्पेशल इंटेलिजेंश ब्यूरो (एसआइबी) इसकी जांच कर रही है। वहीं, सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है। सूत्रों के अनुसार पुलिस की प्रारंभिक जांच में ही मामला गोलमोल लग रहा है। इसी वजह से पुलिस अब इसमें राजनीतिक साजिश व शरारत का एंगल भी तलाश रही है।

पुलिस जांच में बघेल को जिस नंबर से कॉल आया था, वह लगातार चालू मिल रहा है और उसकी लोकेशन आंध्रप्रदेश में मिलने से पुलिस ने आंध्रप्रदेश की एसआइबी से मदद मांगी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार कॉल वास्तव में नक्सलियों ने किया था या किसी और ने, यह अभी कहना मुश्किल है, लेकिन यह तय है कि वह गणपति नहीं था। लंबे समय तक खुफिया विभाग व नक्सल ऑपरेशन से जुड़े रहे एक आला पुलिस अफसर का यह दावा है। अफसर ने कहा कि गणपति के संबंध में जो ताजा इनपुट है, उसके अनुसार वह बीमार है और बातचीत करने की स्थिति में नहीं है। दुर्ग पुलिस के एक वरिष्ठ अफसर के अनुसार प्रारंभिक पड़ताल में पता चला है कि यह नंबर हाल ही में चालू हुआ है।

40 वर्षो से गणपति को तलाश रही नौ राज्यों की पुलिस

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की केंद्रीय कमेटी के महासचिव गणपति के कई छद्म नाम हैं। उसे नौ राज्यों की पुलिस 40 वर्षो से तलाश रही है। मुपल्ला लक्ष्मण राव, ऊर्फ गणपति ऊर्फ लक्ष्मण राव, ऊर्फ राजि रेड्डी, ऊर्फ श्रीनिवास राव। मूतल: आंध्रप्रदेश के करीमनगर का रहने वाला है। पुलिस रिकार्ड के अनुसार साइंस स्नातक गणपति बीएड के बाद शिक्षक बना, लेकिन बाद में नक्सली संगठन से जुड़ गया। करीब तीन करोड़ 60 लाख के इनामी गणपति की उम्र अभी करीब 70 वर्ष है। 1977 में पहली बार उसे पकड़ा गया था। 1979 में वह जमानत पर रिहा हुआ, उसके बाद से कभी पुलिस के हाथ नहीं आया। देश में सक्रिय नक्सली संगठनों के गठजोड़ से 2004 में सीपीआइ (माओवादी) गठित हुई। गणपति को उसी साल इसकी केंद्रीय कमेटी का महासचिव बनाया गया, उसके बाद से वह लगातार इस पद पर बना हुआ है।

'मामले को पूरी गंभीरता से लिया गया है। एसआइबी भी अपने स्तर पर जांच कर रही है। हमने आंध्र प्रदेश पुलिस से भी संपर्क किया है। फिलहाल इस मामले में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। हम हर पहलू की पर जांच कर रहे हैं।'

-डीएम अवस्थी, स्पेशल डीजी (नक्सल ऑपरेशन) 


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