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नटवर ने कहा- भारत विभाजन की मुझे खुशी, मुस्लिम लीग देश को कामकाज नहीं करने देती

गांधी ने सी. राजगोपालाचारी को भारत का आखिरी गवर्नर जनरल बनाने के लिए जिन्ना की खुशामद की थी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 09:31 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 07:08 AM (IST)
नटवर ने कहा- भारत विभाजन की मुझे खुशी, मुस्लिम लीग देश को कामकाज नहीं करने देती
नटवर ने कहा- भारत विभाजन की मुझे खुशी, मुस्लिम लीग देश को कामकाज नहीं करने देती

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस के वयोवृद्ध नेता और पूर्व विदेश मंत्री के.नटवर सिंह ने कहा, 'भारत का विभाजन होने की मुझे खुशी है।..अन्यथा मुस्लिम लीग देश को कामकाज करने नहीं देती। इससे देश में और 'डायरेक्ट एक्शन डेज' (यानी 16 अगस्त 1946 में मुस्लिम लीग की ओर से घोषित कलकत्ता दंगे) होते।'

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अगर भारत का बंटवारा नहीं होता तो और भी हिंदुओं का कत्लेआम होता- नटवर

राज्यसभा सदस्य एमजे अकबर की नई किताब 'गांधीज हिंदूइज्म : द स्ट्रगल अगेंस्ट जिन्नाज इस्लाम' का विमोचन पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने किया। इस अवसर पर रविवार को कांग्रेस नेता नटवर सिंह ने कहा कि वह भारत का विभाजन होने से खुश हैं। क्योंकि अगर भारत का बंटवारा नहीं होता तो और भी डायरेक्ट एक्शन (हिंदुओं का कत्लेआम) होते।

हिंदुओं की हत्या के जवाब में बिहार में हजारों मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी

ऐसा पहली बार जिन्ना (मुहम्मद अली जिन्ना) के समय में 16 अगस्त (1946) को हुआ था, जब कोलकाता (तब कलकत्ता) में हजारों हिंदुओं की हत्या कर दी गई थी। और उसके बाद उसके जवाब में बिहार में हजारों मुसलमानों की हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कहा कि ऐसा भी हो सकता था कि मुस्लिम लीग ने देश को कामकाज करने ही नहीं दिया होता।

जिन्ना ने अलग देश बनाने के लिए 'डायरेक्ट एक्शन' का आह्वान किया था

उल्लेखनीय है कि मुहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने मुसलमानों से अलग देश बनाने के लिए 'डायरेक्ट एक्शन' का आह्वान किया था। 16 अगस्त, 1946 को '1946 की कलकत्ता किलिंग' या 'डायरेक्ट एक्शन' के नाम से जाना जाता है। तब ब्रिटिश काल के बंगाल में हिंदू-मुस्लिम दंगे हो गए थे।

कैबिनेट के सभी प्रस्तावों का विरोध करने के लिए मुस्लिम लीग अंतरिम सरकार में शामिल हुई थी

नटवर सिंह ने इस घटना में मुस्लिम लीग की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि 2 सितंबर, 1946 को अंतरिम भारत सरकार का गठन हुआ था। तभी मुस्लिम लीग ने परिषद के उपाध्यक्ष जवाहर लाल नेहरू की कैबिनेट में शामिल होने से पहले-पहल इन्कार कर दिया था, लेकिन मुस्लिम लीग बाद में कैबिनेट में सिर्फ इसलिए शामिल हो गई ताकि कैबिनेट के सभी प्रस्तावों का विरोध कर सके।

नटवर सिंह ने गांधी और जिन्ना को दो बेहद महान और कठिन व्यक्ति बताया

88 वर्षीय नटवर सिंह ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि आप बड़े पैमाने पर इस बात का अंदाजा लगा सकते हैं कि अगर भारत का विभाजन नहीं होता तो मुस्लिम लीग ने सब कुछ एकदम दुश्वार कर दिया होता। सिंह ने गांधी और जिन्ना को दो बेहद महान और कठिन व्यक्ति बताया। उनके साथ रह पाना असंभव था।

नटवर सिंह का दावा- राजगोपालाचारी ने गांधी को खून से लतपथ देखा था

चूंकि गांधी जी के जीवन के मापदंड बेहद ऊंचे थे और मैं उस तक पहुंच पाने में असमर्थ रहता। जबकि जिन्ना बेहद कठोर व्यक्तित्व वाले थे। वह मानते हैं कि गांधी ने सी. राजगोपालाचारी को भारत का आखिरी गवर्नर जनरल बनाने के लिए जिन्ना की खुशामद की थी। नटवर सिंह ने दावा किया कि दर्शकों में वही ऐसे थे जिसने गांधी को खून से लतपथ देखा था।


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