चार शहरों में खोले जाएंगे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, इथेनाल की कीमत बढ़ाई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई योजना प्रधानमंत्री अन्नदाता आय संरक्षण अभियान (PM AASHA) और आशा अमब्रेला योजना को मंजूरी दी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गन्ना किसानों की तकलीफें दूर करने के लिए चीनी उद्योग को संकट से उबारने की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सरकार ने पेट्रोल में मिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले एथनॉल की कीमत में भारी भरकम 25 प्रतिशत की वृद्धि की है। जो चीनी मिल चीनी न बनाकर गन्ने के रस से शत प्रतिशत एथनॉल ही बनाएंगी, उनसे 59.13 रुपये प्रति लीटर की कीमत पर एथेनाल खरीदा जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति ने इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लगायी।चार नए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआइडी) अमरावती, विजयवाड़ा, भोपाल और कुरुक्षेत्र में बनाए जाएंगे और इन्हें इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इम्पोर्टेंस का दर्जा दिया जाएगा।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि यह निर्णय बुधवार को हई कैबिनेट की बैठक में लिया गया है। फिलहाल इसकी कीमत 47.13 प्रति लीटर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बी-हैवी मोलेसेस से बनने वाले एथनॉल की कीमत भी 47.13 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 52.43 रुपये प्रति लीटर कर दी है। हालांकि सी-हैवी मोलेसेस की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से मामूली घटाकर 43.70 रुपये प्रति लीटर करने का फैसला किया गया है।
प्रधान ने कहा कि जो चीनी मिल गन्ने से सीधे एथनॉल बनाएंगी उन्हें सरकार प्रोत्साहन के रूप में यह भाव उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि इस कदम से चीनी उद्योग को संकट से उबारने में मदद मिलेगी।
कच्चे तेल के आयात की निर्भरता होगी कम
उल्लेखनीय है कि ब्राजील सहित कई देशों में गन्ने से सीधे एथनॉल बनाया जा रहा है। उसे वहां पेट्रोल में मिलाकर बेचा जा रहा है। माना जा रहा है कि देश में ही बने एथनॉल को पेट्रोल में मिश्रित करने से कच्चे तेल के आयात की निर्भरता कम होगी।
उल्लेखनीय है कि सरकार के इस कदम से चीनी मिलों को उन पर बकाया किसानों के भुगतान को जारी करने में मदद मिलेगी। देशभर में चीनी मिलों पर किसानों का 13,000 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें भारी भरकम 40 प्रतिशत राशि अकेले उत्तर प्रदेश में चीनी मिलों पर बकाया है।
रेल ट्रैक के विद्युतीकरण को हरी झंडी
देश में पूरे रेल मार्ग के विद्युतीकरण की दिशा में अहम कदम उठाते हुए सरकार ने 13,675 किलोमीटर रेल ट्रैक के विद्युतीकरण को हरी झंडी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की आर्थिक मामलों संबंधी समिति ने बुधवार को इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस परियोजना पर भारी भरकम 12,134 करोड़ रुपये की लागत जाएगी। सरकार का कहना है कि विद्यतुतीकरण की यह परियोजना 2021-22 तक पूरी कर ली जाएगी।
कैबिनेट की बैठक के बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि इससे रेलवे में डीजल की खपत काफी कम हो जाएगी। उन्होंने हालांकि कहा कि सरकार आपात स्थिति से निपटने के लिए कुछ डीजल इंजन भी रखेगी। सरकार का कहना है कि विद्युतीकरण की यह परियोजना पूरी होने से हर साल डीजल की खपत में 2.83 अरब लीटर की कमी आएगी। साथ ही इससे ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी कमी आएगी।