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मध्य प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी, निष्क्रियता और भ्रम दूर करने तोमर ने संभाला मोर्चा

उपचुनाव से कार्यकर्ताओं की बेरखी देख पिछले दिनों तोमर के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं की बैठक की थी। बताते हैं कि इन बैठकों से नाराजगी का कुछ कुहासा दूर तो हुआ लेकिन जो अपेक्षित माहौल नहीं बन पा रहा था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 24 Sep 2020 09:24 PM (IST)Updated: Thu, 24 Sep 2020 09:24 PM (IST)
मध्य प्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं की नाराजगी, निष्क्रियता और भ्रम दूर करने तोमर ने संभाला मोर्चा
नरेंद्र सिंह तोमर ने ग्वालियर-चंबल संभाग में मोर्चा संभाल लिया है।

भोपाल, जेएनएन। उपचुनाव में कांग्रेस से सीधे मुकाबले से इतर संगठन की चुनौतियों से भी जूझ रही भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को तीन बड़ी जिम्मेदारियां सौंपी हैं। वे नाराज कार्यकर्ताओं को मनाएंगे और जो निष्क्रिय हैं, उन्हें सक्रिय करेंगे। साथ ही संसद से पारित कृषि विधेयकों पर किसानों के भ्रम दूर करेंगे। संसद सत्र समाप्त होते ही तोमर ने ग्वालियर-चंबल संभाग में मोर्चा संभाल लिया है।

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अब तक सक्रिय नहीं हुए भाजपा कार्यकर्ता

ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में आने के बाद से शीर्ष स्तर से लेकर कार्यकर्ताओं तक के एक धड़े में असमंजस है। उपचुनाव से कार्यकर्ताओं की बेरखी देख पिछले दिनों तोमर के साथ प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने सभी उपचुनाव वाली विधानसभा सीटों पर कार्यकर्ताओं की बैठक की थी। बताते हैं कि इन बैठकों से नाराजगी का कुछ कुहासा दूर तो हुआ, लेकिन जो अपेक्षित माहौल नहीं बन पा रहा था। सिंधिया समर्थकों को लेकर भाजपा कार्यकर्ता अभी भी सहज महसूस नहीं कर रहे हैं। तोमर ने इस स्थिति को बदलने के लिए सिंधिया समर्थकों और भाजपा कार्यकर्ताओं में समन्वय की शुरआत भी कर दी है।

ग्वालियर-चंबल संभाग में भाजपा का सबसे बड़ा चेहरा नरेंद्र सिंह तोमर ही हैं। तोमर से भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने दो बार बातचीत की और उसके बाद ही उन्हें समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तोमर सांगठनिक कौशल में माहिर माने जाते रहे हैं। उनके प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए प्रदेश में भाजपा जीत दर्ज करती रही है। कार्यकर्ताओं की बैठक में भी उन्होंने अलग अंदाज अपनाते हुए निर्देश देने के बजाय कार्यकर्ताओं की ही बातें सुनीं। उन्होंने प्रत्याशी को लेकर न केवल स्थिति स्पष्ट की, बल्कि जीत और हार को कार्यकर्ता के सम्मान से जोड़कर भी बातें कीं, जिसका खासा प्रभाव देखा गया।

तोमर के गृहक्षेत्र से जुड़ी हैं दस सीटें

गौरतलब है कि तोमर के गृह क्षेत्र ग्वालियर और संसदीय क्षेत्र मुरैना में भी 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं, जिनमें से कांग्रेस पांच सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। पांच नामों से कांग्रेस ने इरादे स्पष्ट कर दिए हैं कि मुकाबला कांटेदार होना है।

संघ के विस्तारक भी बना रहे समन्वय

उपचुनाव वाली 28 सीटों पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विस्तारकों ने समन्वय का मोर्चा संभाला हुआ है पर उसके सकारात्मक परिणाम सामने नहीं आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सिंधिया के साथ कार्यकर्ताओं और नेताओं की बैठक की, लेकिन फिर भी भ्रम बरकरार है। भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी दो दिन भोपाल में रहकर समन्वय की पूरी कोशिश की, लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय ने बताया कि ग्वालियर अंचल में नरेंद्र सिंह तोमर वरिष्ठ नेता हैं, उनका सभी कार्यकर्ताओं से सीधा सपंर्क है। एक बार वे सभी से बातचीत कर चुके हैं। अब चुनाव में हर सीट पर बेहतर समन्वय और सक्रियता हो, इसके लिए वे जल्द ही स्थानीय स्तर पर विस्तृत बैठकें भी लेंगे। 


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