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कांग्रेस पर नरेंद्र सिंह तोमर का पलटवार, कहा- कृषि कानून को लेकर अपने घोषणापत्र को फिर से पढ़ें सोनिया और राहुल गांधी

तोमर ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों और कार्यों पर उनकी ही पार्टी हंसती है और उनका मजाक उड़ाती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2019 के अपने चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वे कृषि कानून में सुधार लाएंगे।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 06:16 PM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:48 PM (IST)
कांग्रेस पर नरेंद्र सिंह तोमर का पलटवार, कहा- कृषि कानून को लेकर अपने घोषणापत्र को फिर से पढ़ें सोनिया और राहुल गांधी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी नेता राहुल गांधी की फाइल फोटो

नई दिल्ली, एएनआइ। नए कृषि कानून को लेकर किसान संगठनों और सरकार के बीच आज 9वें दौर की वार्ता बेनतीजा रही। दिल्ली के विज्ञान भवन में दोपहर 12 बजे से किसानों और सरकार के बीच बातचीत जारी हुई, जो कि शाम में यह बैठक हमेशा की तरह किसी अहम निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाई। अब 10वें दौर की बैठक के लिए 19 जनवरी की तारीख तय की गई है। बैठक से निकलते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसान संगठनों के साथ आज की बातचीत निर्णायक नहीं थी। हम 19 जनवरी को फिर से वार्ता करेंगे। हम वार्ता के माध्यम से समाधान तक पहुंचने के लिए सकारात्मक हैं। ठंड की स्थिति में विरोध कर रहे किसानों को लेकर सरकार चिंतित है। 

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इसके साथ ही नए कृषि कानून पर कांग्रेस के रवैये पर पलटवार करते हुए तोमर ने कहा कि राहुल गांधी के बयानों और कार्यों पर उनकी ही पार्टी हंसती है और उनका मजाक उड़ाती है। मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि 2019 के अपने चुनावी घोषणापत्र में कांग्रेस ने वादा किया था कि वे कृषि कानून में सुधार लाएंगे। अगर राहुल गांधी को ये सब याद नहीं तो उन्हें एक बार फिर इस घोषणापत्र को पढ़ना चाहिए। 

कृषि मंत्री ने आगे कहा कि अगर घोषणापत्र में इसका उल्लेख है तो राहुल गांधी और सोनिया गांधी को मीडिया के सामने आना चाहिए और स्वीकार करना चाहिए कि वे उस समय झूठ बोल रहे थे या अब झूठ बोल रहे हैं। 

वहीं, आज 9वें दौर की बैठक बेनतीजा रहने के बाद भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि हमारी ओर से तीनों कृषि कानूनों और एमएसपी गारंटी को निरस्त करने की हमारी मांग बनी हुई है। हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित समिति के पास नहीं जाएंगे। हम केवल केंद्र सरकार से बात करेंगे। राकेश टिकैत, बीकेयू के प्रवक्ता


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