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वाराणसी में सड़क परियोजनाओं के साथ जलमार्ग टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे पीएम

वाराणसी रिंग रोड को 759.36 करोड़ रुपये की लागत से, जबकि बाबतपुर-वाराणसी रोड के चौड़ीकरण को 812.59 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 06 Nov 2018 08:11 PM (IST)Updated: Tue, 06 Nov 2018 08:11 PM (IST)
वाराणसी में सड़क परियोजनाओं के साथ जलमार्ग टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे पीएम
वाराणसी में सड़क परियोजनाओं के साथ जलमार्ग टर्मिनल का उद्घाटन करेंगे पीएम

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 12 नवंबर को बनारस में 1572 करोड़ रुपये की सड़क परियोजनाओं के अलावा गंगा पर नवनिर्मित अंतर्देशीय जलमार्ग का उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री जिन सड़क परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे उनमें 16.55 किलोमीटर लंबी वाराणसी रिंग रोड (चरण-2) के अलावा 17.25 किलोमीटर लंबी बाबतपुर-वाराणसी रोड की फोर लेनिंग शामिल है।

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वाराणसी रिंग रोड को 759.36 करोड़ रुपये की लागत से, जबकि बाबतपुर-वाराणसी रोड के चौड़ीकरण को 812.59 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है। बाबतपुर-वाराणसी रोड के चार लेन में चौड़ा होने से वाराणसी एयरपोर्ट और वाराणसी शहर के बीच तो यातायात सुगम होगा ही, साथ ही साथ आगे जौनपुर, सुल्तानपुर तथा लखनऊ जाने में भी सहूलियत होगी। इस रोड पर हरहुआ में एक फ्लाईओवर, जबकि तरना में एक आरओबी का निर्माण होने से वाराणसी से एयरपोर्ट के बीच वाहन चालकों का समय बचेगा। इससे वाराणसी निवासियों के साथ-साथ पर्यटकों को बड़ी राहत मिलने की संभावना है।

दो आरओबी तथा एक फ्लाईओवर के साथ तैयार वाराणसी रिंग रोड एनएच-56 (लखनऊ-वाराणसी), एनएच-233 (आजमगढ़-वाराणसी) तथा एनएच-29 (गोरखपुर-वाराणसी) के अलावा अयोध्या-वाराणसी हाईवे के वाहनों के लिए बाईपास का काम करेगा। यानी इन वाहनों को वाराणसी शहर के बीच से होकर गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे शहर में यातायात घनत्व के साथ प्रदूषण स्तर में गिरावट आएगी। सारनाथ आने-जाने वाले बौद्ध पर्यटकों के लिए भी यह रिंगरोड काफी राहतकारी साबित होने वाला है। इससे क्षेत्र में लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास के साथ रोजगार के अवसर बढ़ने की संभावना है।

सड़क मंत्रालय के अनुसार इस समय वाराणसी को जोड़ने वाली अनेक सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। समग्र रूप से 2833 किलोमीटर लंबाई की इन सड़क परियोजनाओं पर कुल 63,885 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इनमें 1143 किमी लंबाई की 15 परियोजनाएं विकास के विभिन्न चरणों में हैं। इनमें वाराणसी-जौनपुर, वाराणसी-सुल्तानपुर,, सुल्तानपुर-लखनऊ, वाराणसी-घाघरा ब्रिज, वाराणसी-आजमगढ़ के नाम प्रमुख हैं। इन पर 30,227 करोड़ रुपये की लागत आने की संभावना है। इनके अलावा 8265 करोड़ रुपये लागत की 235 किलोमीटर लंबी सात अन्य सड़क परियोजनाओं पर भी समयबद्ध ढंग से काम हो रहा है।

यही नहीं, 1455 किलोमीटर कुल लंबाई वाली 20 अन्य परियोजनाओं के डीपीआर तैयार हो रहे हैं। इन पर 25,323 करोड़ रुपये की लागत आएगी। प्रधानमंत्री उसी रोज वाराणसी में अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण द्वारा गंगा नदी (राष्ट्रीय जलमार्ग, एनडब्लू-1) पर निर्मित जलमार्ग टर्मिनल राष्ट्र को समर्पित करेंगे। यह जलमार्ग विकास परियोजना के तहत विश्व बैंक की मदद से एनडब्लू-1 पर बनाए जा रहे चार मल्टीमोडल टर्मिनलों में पहला टर्मिनल है। अन्य तीन टर्मिनल साहिबगंज, हल्दिया तथा गाजीपुर में निर्माणाधीन हैं। परियोजना के पूरा होने पर गंगा पर 1500-2000 डीडब्लूटी (डेड वेट टन) भारवहन क्षमता वाले जलपोतों का वाणिज्यिक संचालन संभव हो सकेगा। इस दौरान प्रधानमंत्री अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में कोलकाता से वाराणसी के लिए रवाना की गई उस पहली नौका की अगवानी भी करेंगे, जिसमें पेप्सिको कंपनी ने अपनी खाद्य सामग्री की खेप भेजी है।


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