नगालैंड विधानसभा में नागरिकता विधेयक के खिलाफ प्रस्ताव किया गया पेश
नगालैंड विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रस्ताव पेश करते हुए नगालैंड के मुख्यमंत्री एन. रिओ ने कहा कि तमाम विरोध के बावजूद केंद्र सरकार विधेयक लागू कराने पूरी ताकत लगा रही है।
कोहिमा, प्रेट्र। नगालैंड के मुख्यमंत्री एन. रिओ ने राज्य विधानसभा में प्रस्ताव पेश किया है। शनिवार को पेश किए गए प्रस्ताव में नागरिकता विधेयक (संशोधन) विधेयक 2016 को पूरी तरह से खारिज किया गया है।
विधानसभा के मौजूदा सत्र में प्रस्ताव पेश करते हुए रिओ ने कहा कि तमाम विरोध के बावजूद केंद्र सरकार विधेयक लागू कराने पूरी ताकत लगा रही है। नगालैंड सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में सरकारें, राजनीतिक दलों, आदिवासी संगठनों, सिविल सोसायटी एवं अन्य ने विरोध किया है।
प्रदर्शनकारी गैर कानूनी आव्रजकों को विधेयक द्वारा नागरिकता दिए जाने के बाद जनसंख्या अनुपात से स्थानीय आदिवासियों के संरक्षण और सुरक्षा पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चिंतित हैं। यह विधेयक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी समुदाय के लोगों को नागरिकता प्रदान करने के लिए लाया गया है। भारत में सात साल रहने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है। अभी 12 साल रहने वालों को ही नागरिकता दी जाती है।
प्रस्ताव विधेयक का तीव्र विरोध करता है और उसे पूरी तरह से खारिज करता है। यह विधेयक नगालैंड में लागू नहीं होगा क्योंकि इससे भारतीय संविधान के तहत नगा के इतिहास और हैसियत पर प्रभाव पड़ेगा।