अरुणाचल प्रदेश के पूर्व CM ने की अमित शाह से मुलाकात, नागरिकता संशोधन विधेयक पर जताया विरोध
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नबाम तुकी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है और उन्होंने नागरिकता संशोधन बिल पर विरोध जताया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम नबाम तुकी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि हम नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करते हैं क्योंकि यदि अवैध प्रवासियों को धर्म के आधार पर नागरिकता दी जाती है, तो आबादी कई राज्यों में फैल जाएगी। कौन सा राज्य उन्हें जमीन देगा?
दरअसल, केंद्र सरकार संसद में अगले हफ्ते नागरिकता संशोधन बिल पेश कर सकती हैं। इस विधेयक के साथ ही बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के सभी धार्मिक अल्पसंख्यकों जैसे की हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई सभी भारतीय नागरिकता के योग्य हो जाएंगे। इसी वजह से गृह मंत्री शाह पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सामाजिक और सांस्कृतिक निकायों, राजनीतिक दलों और छात्र संगठनों के नेताओं के साथ शुक्रवार से मुलाकात कर रहे हैं। इस दौरान वह नागरिकता अधिनियम में संशोधन की योजना पर बातचीत कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कैब विधेयक के जरिए नागरिकता अधिनियम, 1955 में संशोधन किया जाना है। जिससे की पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के धार्मिक अल्पसंख्यकों (पारसी, जैन, हिंदू, सिख, ईसाईयों) को भारतीय नागरिकता दी जा सके। बता दें कि 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने ये वादा किया था। कैब के काफी विरोध का सामना करना पड़ा था। खासतौर पर पूर्वोत्तर राज्यों में इसका खूब विरोध किया गया था। त्रिपुरा और अरुणाचल प्रदेश में भी इसका खूब विरोध हुआ था। विपक्षी पार्टियां जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और सीपीआई ने इसका खूब विरोध किया था।
दरअसल, इन सभी विपक्षी पार्टियों का मानना है कि भारत का संविधान धर्म का आधार पर नागरिकता देने की बात नहीं कहता है। वहीं, भाजपा और उसके समर्थकों का कहना है कि अल्पसंख्यकों को वहां उत्पीड़न का सामना करना पड़ा है। इसी वजह ने उन सभी को नागरिकता मिलनी चाहिए।
दरअसल, 15 जुलाई 2016 को पेश किया गया था। वहीं, 1955 नागरिकता अधिनियम के अनुसार, बिना किसी प्रमाणित पासपोर्ट वैध दस्तावेज के बिना या फिर वीजा परमिट के बिना भारत में जो भी रहेगा उसे अवैध प्रवासी माना जाएगा।