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चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में अनशन कर दिखाई विपक्ष की एकजुटता

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि केंद्र सरकार ने राज्य को लेकर अन्य और भी कई वादे किए थे और उन्हें पूरा करने में भी असफल रही है।

By Tilak RajEdited By: Published: Mon, 11 Feb 2019 09:50 AM (IST)Updated: Mon, 11 Feb 2019 08:26 PM (IST)
चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में अनशन कर दिखाई विपक्ष की एकजुटता
चंद्रबाबू नायडू ने दिल्ली में अनशन कर दिखाई विपक्ष की एकजुटता

नई दिल्ली, प्रेट्र। आंध्र के सीएम व तेलुगु देसम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने सोमवार को दिल्ली स्थित आंध्र भवन में अनशन के जरिये एक बार फिर विपक्षी एकजुटता दिखाई। राज्य को विशेष दर्जा देने की मांग को लेकर किए गए उपवास में विपक्ष के दिग्गज नेताओं ने हाजिरी दी। इसके जरिये एक माह से कम समय में विपक्ष ने दूसरी बार शक्ति प्रदर्शन किया है।

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मोदी नहीं निभा रहे राजधर्म : नायडू

तेदेपा प्रमुख नायडू 2014 में आंध्र प्रदेश के विभाजन के समय विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा पूरा करने की केंद्र से मांग कर रहे हैं। नायडू ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना राजधर्म नहीं निभा रहे हैं।

आंध्र का पैसा चुरा कर अंबानी को दिया : राहुल

अनशन स्थल पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के लोगों का पैसा चुराकर अनिल अंबानी को दे दिया। राफेल डील का परोक्ष उल्लेख करते हुए राहुल ने यह बात कही।

विपक्ष के ये नेता पहुंचे

नायडू के धरने का समर्थन करने पहुंचे नेताओं में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, नेकां नेता फारूक अब्दुल्ला, राकांपा नेता माजिद मेमन, तृणमूल नेता डेरेक ओ ब्रायन, लोजद नेता शरद यादव, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, द्रमुक की तिरचि सिवा शामिल थे।

19 जनवरी को ममता के धरने में 22 दल पहुंचे थे

पिछली बार विपक्षी नेताओं ने 19 जनवरी को अपनी ताकत दिखाई थी। 22 विपक्षी दलों के नेता सीबीआइ के कदम के खिलाफ प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आंदोलन को समर्थन देने पहुंचे थे।

वहीं तेलुगूदेशम पार्टी के सांसद जयदेव गाला ने आंध्र भवन पर जारी विरोध प्रदर्शन के दौरान लगाए गए पोस्टरों के बारे में कहा, 'हम इससे सहमत नहीं हैं...। यह सही नहीं है और ऐसा नहीं किया जाना चाहिए। हमारी पार्टी के लोगों को ऐसा नहीं करना चाहिए था।'

गौरतलब है कि तेलुगू देशम पार्टी पिछले साल भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र की राजग सरकार से यह कहते हुए अलग हो गई थी कि पुनर्गठन के बाद आंध्र प्रदेश के साथ भेदभाव किया जा रहा है। इससे पहले अक्टूबर 2013 में भी नायडू अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ चुके हैं। तब उनकी मांग थी कि आंध्र प्रदेश का पुनर्गठन होता है, तो दोनों राज्यों के साथ न्याय किया जाना चाहिए।


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