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सोनिया मामले में मुंबई पुलिस ने अर्णब से की 12 घंटे पूछताछ, हमले के आरोपितों को मिली जमानत

टीवी चैनल रिपब्लिक भारत के संस्थापक अर्णब गोस्वामी से गोस्वामी पर हमले के आरोपित दोनों युवकों को भोईवाड़ा कोर्ट ने जमानत दे दी है। जानें इस मामले में अब तक क्‍या हुआ है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 11:25 PM (IST)Updated: Tue, 28 Apr 2020 06:48 AM (IST)
सोनिया मामले में मुंबई पुलिस ने अर्णब से की 12 घंटे पूछताछ, हमले के आरोपितों को मिली जमानत
सोनिया मामले में मुंबई पुलिस ने अर्णब से की 12 घंटे पूछताछ, हमले के आरोपितों को मिली जमानत

मुंबई, जेएनएन/पीटीआइ। टीवी चैनल रिपब्लिक भारत के संस्थापक अर्णब गोस्वामी से सोमवार को मुंबई पुलिस ने करीब 12 घंटे पूछताछ की। गोस्वामी से यह पूछताछ उनके द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर की गई टिप्पणियों पर दर्ज एफआईआर के संदर्भ में की जा रही है। वहीं समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, टीवी पत्रकार अर्णब गोस्वामी पर हमले के आरोपित दोनों युवकों को भोईवाड़ा कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसवी पिंपले ने जमानत दे दी।

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अर्णब सोमवार को सुबह करीब 10 बजे मुंबई के एन.एम.जोशी मार्ग पुलिस थाने पहुंचे थे। पुलिस थाने में प्रवेश करने से पहले उन्होंने अपने ही चैनल के दो पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सच्चाई की जीत होगी। पूछताछ लंबी खिंचने के कारण ही वे सोमवार अपने टीवी चैनल पर रोज शाम सात बजे आनेवाला बहस का शो 'पूछता है भारत' भी प्रस्तुत नहीं कर सके। अर्णब पर यह एफआईआर कुछ दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर तीखी टिप्पणियां करने के कारण दर्ज कराई गई थी। ये टिप्पणियां उन्होंने महाराष्ट्र के पालघर में दो संतों की हत्या पर बहस के दौरान की थी।

इसके बाद से ही अर्णब के विरुद्ध देश के अलग-अलग हिस्सों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा सौ से ज्यादा एफआईआर दर्ज करवाई गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई से बाहर दर्ज सभी एफआईआर रद करने का आदेश देते हुए सिर्फ मुंबई में दर्ज एफआईआर को मान्यता देते हुए अर्णब को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था। इसी मामले में एन.एम.जोशी पुलिस ने सोमवार को उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था।

उधर गोस्वामी पर हमले के आरोपित दोनों युवकों को भोईवाड़ा कोर्ट में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसवी पिंपले ने जमानत दे दी। सोमवार को आरोपितों की ओर से पैरवी करते हुए वकील सुनील पांडेय ने कहा कि इस मामले में राजनीति से प्रेरित होकर प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस की जांच में अब तक कुछ भी सामने नहीं आया है। उन्होंने दलील में यह भी कहा कि मीडिया एक्ट के जिस अनुच्छेद तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है वह पत्रकार के ड्यूटी पर रहने के दौरान हमला होने पर लागू होता है। जबकि इस मामले में हमला तब हुआ जब पत्रकार अपनी ड्यूटी खत्म कर घर जा रहे थे। उल्लेखनीय है बीते गुरुवार को अर्णब की कार पर बाइक सवार युवकों ने उस वक्त हमला किया जब वे काम खत्म कर घर लौट रहे थे।


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