मुख्तार अब्बास नकवी ने मुसलमानों से शब-ए-बरात पर लॉकडाउन का पालन करने को कहा
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करने और अपने घरों पर अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की।
नई दिल्ली, प्रेट्र। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने मुस्लिमों से शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन और शारीरिक दूरी का कड़ाई से पालन करने और अपने घरों पर अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की। शब-ए-बरात को माफी की रात के रूप में जाना जाता है। इस साल यह आठ और नौ अप्रैल की रात को पड़ता है। जामा मस्जिद के शाही इमाम अहमद बुखारी और जमीयत उलमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी ने भी देश के मुसलमानों से घरों के अंदर रहने और नमाज अदा करने की अपील की है।
लोगों से अपने घरों में रहकर नमाज अदा करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील
नकवी ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि लगभग सभी धार्मिक नेताओं और धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने मुसलमानों से अपील की है कि वे शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन और शारीरिक दूरी के दिशा-निर्देशों का ईमानदारी से पालन करें। सभी राज्य वक्फ बोर्डो को केंद्रीय वक्फ परिषद के माध्यम से शब-ए-बरात के मौके पर लॉकडाउन को पूरी तरह लागू करने में स्थानीय प्रशासन की मदद करने के लिए कहा गया है। आम लोगों से अपने घरों में रहकर नमाज अदा करने और अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने की अपील की गई है।
कोई लापरवाही हमारे, हमारे परिवार, समाज और पूरे देश के लिए हो सकती है हानिकारक
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें अपने घरों में भी भारत और पूरी दुनिया को कोरोना वायरस की चुनौतियों को खत्म करने की शक्ति देने की प्रार्थना करनी चाहिए। नकवी ने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही हमारे, हमारे परिवार, समाज और पूरे देश के लिए हानिकारक हो सकती है। हमें प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए।
शब-ए-बराअत में घरों में ही करें इबादत : अरशद मदनी
जमीयत उलमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि मुसलमानों ने शासन-प्रशासन के निर्देशों के मुताबिक लॉकडाउन का पालन करते हुए जुमे की नमाज जमात के साथ पढ़ना छोड़ दिया तो ऐसे में शब-ए-बराअत की इबादत पर भी यही हुक्म लागू होगा। उन्होंने अपील की कि सभी अहले मोमिम अपने घरों में ही पूरी रात जागकर इबादत के दौरान रो-रो कर दुआ करें कि अल्लाह पूरी दुनिया को कोरोना से बचा लें। उन्होंने यह भी कहा कि शब-ए-बरात में कब्रिस्तान न जाकर अपने घर से ही फातिहा पढ़ लें।