Muda Case: 'मेरे पति के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं', सिद्दरमैया की पत्नी ने मूडा मामले पर क्या कहा?
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया की पत्नी पार्वती ने MUDA को पत्र लिखकर उन्हें आवंटित 14 प्लॉट वापस कर दिए हैं। उनके पत्र में लिखा है मैं मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा मेरे पक्ष में निष्पादित 14 प्लॉट के दस्तावेजों को रद्द करके मुआवजा प्लॉट वापस करना चाहती हूं। मैं मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण को प्लॉट का कब्जी भी वापस कर रही हूं।
पीटीआई, नई दिल्ली। ईडी ने सोमवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया, उनकी पत्नी, साले और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) से जुड़े भू-आवंटन घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद देर शाम प्रत्याशित घटनाक्रम में सिद्दरमैया का परिवार बचाव की मुद्रा में आ गया। उनकी पत्नी बीएम पार्वती ने मुडा आयुक्त को पत्र लिखकर आवंटित 14 भूखंड वापस करने की पेशकश कर डाली।
उन्होंने पत्र में लिखा,मैं मैसूर में मुडा साजिश से जुड़े आरोपों से बहुत आहत हूं। मेरे भाई बाबू को पारिवारिक विरासत के रूप में मिले भूखंडों ने इतना हंगामा खड़ा कर देंगे,ये मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस मुद्दे की वजह से मेरे पति पर गलत आरोप लग सकते हैं।
मेरे पति के सम्मान से बड़ा कुछ नहीं: पार्वती
मेरे लिए, कोई भी घर, प्लॉट या संपत्ति मेरे पति के सम्मान, गरिमा और मन की शांति से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद, मैंने कभी-भी अपने या अपने परिवार के लिए कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहा। मैंने इस विवाद का केंद्र बने 14 MUDA भूखंडों को वापस करने का फैसला किया है।'
पार्वती ने आगे लिखा,"मुझे इस मामले पर अपने पति की राय के बारे में पता नहीं है, न ही मुझे इसकी चिंता है कि मेरा बेटा या परिवार के अन्य सदस्य क्या सोचते हैं. मैंने इस मामले पर किसी के साथ चर्चा नहीं की है। यह फैसला मैंने सोच समझ कर और अपनी अंतरात्मा की आवाज के बाद लिया है।'
भाजपा ने की सीएम सिद्दरमैया से इस्तीफे की मांग
वहीं भाजपा और हमलावर हो गई और उसने कहा कि सिद्दरमैया परिवार का निर्णय अपराधबोध की स्वीकारोक्ति है। सिद्दरमैया को तुरंत सीएम पद छोड़ देना चाहिए। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्य लोकायुक्त पुलिस की एफआइआर का संज्ञान लेते हुए ईडी ने यह कार्रवाई की है।
भू-आवंटन में गड़बड़ी मामले में मैसुरु में लोकायुक्त पुलिस द्वारा 27 सितंबर को दर्ज की गई एफआइआर में सिद्दरमैया, उनकी पत्नी बीएम पार्वती, उनके साले मल्लिकार्जुन स्वामी और देवराजू (जिससे स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य को नामजद किया गया है।