मप्र में ऑडियो-वीडियो पर जारी सियासी घमासान के बीच शिवराज ने कहा- पापियों का विनाश तो पुण्य का काम
ऑडियो क्लिप पर जारी घमासान के बीच शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है।
इंदौर, जेएनएन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इंदौर यात्रा के दौरान के भाषण का ऑडियो और वीडियो वायरल होने के मामले में सियासी घमासान शुरू हो गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह ने केंद्रीय नेतृृत्व के निर्देश पर सरकार गिराने की बात कही है। कांग्रेस इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की शरण लेगी। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने आरोप लगाया कि भाजपा ने साजिश रच कांग्रेस की बहुमत की सरकार गिराई है। ऐसे में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इसे लेकर ट्वीट किया है। ऑडियो क्लिप पर जारी घमासान के बीच शिवराज ने ट्वीट कर कहा है कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है।
पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है।
क्यों?
बोलो, सियापति रामचंद्र की जय! 🙏🏽— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) June 11, 2020
सीएम ने बिना नाम लिए ट्वीट किया है। शिवराज ने लिखा कि पापियों का विनाश तो पुण्य का काम है। हमारा धर्म तो यही कहता है। क्यों? बोलो, सियापति रामचंद्र की जय।
गौरतलब है कि शिवराज सिंह चौहान सोमवार को इंदौर आए थे। रेसीडेंसी कोठी में सांवेर के कार्यकर्ताओं को उन्होंने संबोधित किया था। इसी संबोधन का ऑडियो-वीडियो कांग्रेस ने वायरल किया है। प्रदेश के पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने बुधवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस सरकार को सोची-समझी साजिश के तहत गिराया गया है। यह राजफाश खुद मुख्यमंत्री ने सांवेर के कार्यकताओं की बैठक में किया है। पटवारी ने कहा कि जब देश को कोरोना से लड़ने की जरूरत थी, तब भाजपा के लोग मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिराने की साजिश में लगे थे। मुख्यमंत्री के बयान के ऑडियो-वीडियो को लेकर हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।
जानें- क्या है मामला
सोमवार को इंदौर की रेसीडेंसी कोठी में सांवेर उपचुनाव के सिलसिले में बैठक रखी गई थी। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सांवेर के कार्यकर्ताओं से मिले थे। बैठक में उन्होंने कहा था कि कांग्रेस की सरकार को विकास से कोई मतलब नहीं था। पंचायतों का पैसा रोक लिया गया था। मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के पैसे तक सरकार ने नहीं दिए। कांग्रेस शासन में वल्लभ भवन दलालों का अड्डा बन गया था। प्रदेश को तबाह और बर्बाद करने वाली कांग्रेस की सरकार थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया और तुलसी सिलावट के बगैर कांग्रेस सरकार नहीं गिर सकती थी। वायरल वीडियो और ऑडियो में शीर्ष नेतृृत्व के इशारे पर सरकार गिराने का जिक्र भी है।
भाजपा के झूठ की खुली पोल: कमल नाथ
वायरल हो रहे ऑडियो-वीडियो पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि भाजपा के झूठ की पोल खुल ही गई। भाजपा ने कांग्रेस की बहुमत और जनादेश वाली सरकार को साजिश और प्रलोभन से गिराया। ट्वीट के जरिये कमल नाथ ने कहा कि जो लोग कह रहे थे कि कांग्रेस सरकार के पास बहुमत नहीं था, वह अपने असंतोष से गिरी, हमने नहीं गिराई, अब उसकी सच्चाई सामने आ चुकी है। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाया कि उन्होंने जिस तरह 15 साल से झूठ के बल पर सरकार चलाई, उसी तरह अब भी झूठ परोस रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने प्रदेश में धार्मिक स्थलों को बंद रखे जाने तथा सरकारी शराब की दुकानें खुलवाने पर तंज कसा कि यह कैसी सोच है कि देवालय से कोरोना संक्रमण होता है और मदिरालय से नहीं। देश में कई स्थानों पर धार्मिक स्थल खुल चुके हैं तो प्रदेश में भी खोले जाने चाहिए। कमल नाथ ने भाजपा की वर्चुअल रैलियों के आयोजन की निंदा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के आंकड़े बढ़ रहे हैं, लेकिन भाजपा उत्सव मना रही है।
अपने कर्मो से गिरी कांग्रेस सरकार: अग्रवाल
कांग्रेस की सरकार अपने कर्मो से गिरी है। कांग्रेस नेताओं के अंतर्विरोध के कारण कमल नाथ सरकार अल्पमत में आ गई थी। कांग्रेस विधायकों ने भी अंतर्विरोध की बात कही थी। इसके बाद भाजपा ने केंद्रीय नेतृत्व के मार्गदर्शन में सरकार बनाने में अपनी जिम्मेदारी निभाई। ये बात पहले भी भाजपा और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कह चुके हैं।
- रजनीश अग्रवाल, प्रदेश प्रवक्ता, मध्य प्रदेश भाजपा