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मप्र कांग्रेस में एक और फूट की आशंका, चार विधायक भाजपा के संपर्क में

मप्र कांग्रेस में एक और फूट की आशंका। बुंदेलखंड के चार विधायक भाजपा के संपर्क में। होली के दिन कांग्रेस में पड़ी फूट का ग्वालियर-चंबल संभाग में ज्यादा हुआ नुकसान।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 24 Mar 2020 07:53 PM (IST)Updated: Tue, 24 Mar 2020 07:58 PM (IST)
मप्र कांग्रेस में एक और फूट की आशंका, चार विधायक भाजपा के संपर्क में
मप्र कांग्रेस में एक और फूट की आशंका, चार विधायक भाजपा के संपर्क में

रवींद्र कैलासिया, भोपाल। मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों सहित 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने के बाद पार्टी में एक और फूट की आशंका बन गई है। इस बार बुंदेलखंड के चार विधायक पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के लगातार संपर्क में हैं। हालांकि राज्यसभा चुनाव टल जाने से इस फूट से कांग्रेस को कुछ समय की राहत जरूर मिल सकती है।

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कांग्रेस में एक महीने के भीतर एक साथ 22 विधायकों के कांग्रेस छोड़ने से जिस तरह सरकार गिरी है, उससे पार्टी को फिलहाल राहत मिलती दिखाई नहीं दे रही है। बताया जाता है कि बुंदेलखंड के चार विधायक कभी-भी पार्टी को छोड़ सकते हैं। इनमें से तीन विधायक अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आते हैं और एक ब्राह्मण हैं। इनमें से एक सिंधिया समर्थक बताए जाते हैं, जिन्हें विधानसभा का टिकट दिलवाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही थी। दो विधायक कमल नाथ के समर्थक माने जाते हैं।

बुंदेलखंड में झटका लगेगा

बुंदेलखंड के सागर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, छतरपुर जिलों की 26 सीटों में से कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में 10 सीटें जीतें थीं, जो ग्वालियर-चंबल के बाद बड़ा हिस्सा थीं। मगर गोविंद सिंह राजपूत के पार्टी छोड़ने के बाद अभी यहां कांग्रेस के नौ विधायक बचे हैं। चार विधायकों के पार्टी छोड़ने पर बुंदेलखंड में भी कांग्रेस की विंध्य जैसी स्थिति बन जाएगी, जहां उनके पास कमलेश्वर पटेल जैसे गिने-चुने नेता बचे हैं।

22 में से ज्यादातर विधायक ग्वालियर-चंबल के

कांग्रेस के बागी 22 विधायकों में 15 ग्वालियर-चंबल के हैं। इनमें प्रद्मुम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, एदल सिंह कंषाना, रघुराज सिंह कंषाना, गिर्राज डंडौतिया, कमलेश जाटव, ओपीएस भदौरिया, रणवीर जाटव, मुन्नालाल गोयल, रक्षा सरोनिया, जसमंत जाटव, सुरेश धाकड़, जजपाल सिंह जज्जी और बृजेंद्र सिंह यादव हैं। जबकि मालवा के चार हरदीप सिंह डंग, राज्यव‌र्द्धन सिंह दत्तीगांव, मनोज चौधरी और तुलसीराम सिलावट हैं तो बुंदेलखंड के गोविंद सिंह राजपूत, महाकोशल के बिसाहूलाल सिंह, भोपाल क्षेत्र के डॉ. प्रभुराम चौधरी हैं। होली पर इनके इस्तीफों से पड़ी फूट का नुकसान कांग्रेस को सबसे ज्यादा ग्वालियर-चंबल में हुआ है।


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