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MP Political Crisis : बेंगलूरु में कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी से हाथापाई, देखें वीडियो

कांग्रेस नेता मप्र सरकार के मंत्री जीतू पटवारी बेंगलुरू में मध्य प्रदेश से आए कांग्रेस के बागी विधायकों से मिलने की कोशिश कर रहे थे। तभी उनकी एक पुलिस कर्मी के साथ हाथापाई हुई।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 05:33 PM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 07:26 AM (IST)
MP Political Crisis : बेंगलूरु में कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी से हाथापाई, देखें वीडियो
MP Political Crisis : बेंगलूरु में कमलनाथ के मंत्री जीतू पटवारी से हाथापाई, देखें वीडियो

भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्यप्रदेश में चल रहा सियासी घमासान अब दो राज्यों के बीच टकराव में बदलता जा रुहा है। कांग्रेस ने बड़ा आरोप लगाया है कि बेंगलुरु में जिस रिसॉर्ट में मप्र के 19 कांग्रेसी विधायक ठहरे हैं, वहां गुरुवार को मप्र के दो मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव पहुंचे तो उनके साथ कर्नाटक पुलिस द्वारा मारपीट की गई। रिसॉर्ट प्रबंधन ने उन्हें अपने विधायक साथियों से मिलने से रोका। कर्नाटक पुलिस ने उनके साथ धक्का-मुक्की और मारपीट की, बाद में गिरफ्तार कर पुलिस वाहन में ले जाया गया। कांग्रेस ने बेंगलुर में अपने विधायकों को बंधक बनाए जाने तथा मंत्रियों के साथ मारपीट की घटना पर राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में गुरुवार को पत्रकारवार्ता में ये आरोप लगाए तथा रिसॉर्ट में मंत्रियों के साथ धक्का-मुक्की व मारपीट के कुछ वीडियो फुटेज जारी किए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मंत्री जीतू पटवारी और लाखन सिंह यादव अपने विधायक साथियों से मिलने रिसॉर्ट गए थे और उन्हें वापस लाने के लिए उनसे बातचीत करना चाह रहे थे। मगर रिसॉर्ट प्रबंधन तथा विधायकों के लिए तैनात पुलिसकर्मियों ने मंत्रियों के साथ दु‌र्व्यवहार किया।

पटवारी के साथ रिसॉर्ट में मौजूद विधायक मनोज चौधरी के पिता भी थे और उन्हें भी बेटे से नहीं मिलने दिया गया। पटवारी और मनोज चौधरी आपस में रिश्तेदार भी हैं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मनोज चौधरी वापस लौटना चाहते थे, लेकिन रिसॉर्ट प्रबंधन व कर्नाटक पुलिस ने उन्हें भी रोका।

कांग्रेस विधायकों को भाजपा ने भेजा व बंधक बनाया

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के 19 मंत्री-विधायकों को भाजपा ने ही बेंगलुरु भेजा था, जिसके लिए भाजपा कार्यालय ने दिल्ली से बेंगलुरु के लिए विमान किराए पर लिया और उसका भुगतान भी किया। साथ ही भाजपा ने बेंगलुरु में उन्हें रुकवाने का इंतजाम किया। कांग्रेस विधायकों को बंधक बनाया गया है, जिन पर मध्यप्रदेश भाजपा नेता उमाशंकर गुप्ता, अरविंद भदौरिया व सुदर्शन गुप्ता निगरानी रख रहे हैं। कर्नाटक पुलिस पहरेदारी कर रही है और उनकी हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा रही है।

ऑपरेशन 'ए' फेल होने पर 'बी' लाए वो भी होगा नाकाम

दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा ने मध्यप्रदेश के अपने नेताओं के दम पर ऑपरेशन लोटस का प्लान-ए बनाया था, जिसके लिए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, डॉ. नरोत्तम मिश्रा को जिम्मेदारी दी गई थी। यह जब फेल हो गया तो भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मिलकर प्लान-बी पर काम किया। इसके तहत 19 विधायकों को बेंगलुरु में ठहराया गया, जिनके इस्तीफे लेकर पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह भोपाल आए थे। दिग्विजय सिंह ने दावा किया कि भाजपा का प्लान-बी भी कामयाब नहीं हो पाएगा।

अदालत की शरण में जाएगी कांग्रेस

राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा ने बताया कि कर्नाटक में मप्र के 19 मंत्री-विधायकों को बंधक बनाए जाने तथा मंत्रियों के साथ रिसॉर्ट प्रबंधन व कर्नाटक पुलिस द्वारा दु‌र्व्यवहार-मारपीट की घटना का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर का हो गया है। उन्होंने कहा कि दो राज्यों का मामला होने से अब इसमें राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेकर हस्तक्षेप करना चाहिए। कांग्रेस मंत्रियों के साथ मारपीट-दु‌र्व्यवहार की घटना पर मध्यप्रदेश हाईकोर्ट जा नहीं सकती और ऐसी परिस्थिति में कर्नाटक हाईकोर्ट में भी याचिका नहीं लगाई जा सकती है, इसलिए एकमात्र विकल्प सुप्रीम कोर्ट है, कांग्रेस जल्द ही अदालत की शरण में जाएगी।


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