MP Political crisis: नाराज विधायकों को मनाने में जुटी कांग्रेस, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मा
मध्य प्रदेश में हो रहे सियासी उलट फेर के बीच कांग्रेस अपनी सरकार बचाए रखने के लिए सभी जरुरी कदम उठा रही है। इसी बीच विधायकों से बाचत करने के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता जाएंगे।
नई दिल्ली, एएनआइ। ऐसे समय में जब अनिश्चितता मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार के भाग्य पर भारी पड़ रही है, कांग्रेस अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के केंद्रीय नेताओं को संकट का समाधान करने और भोपाल में स्थिति को संभालने के लिए काम सौंपा है।
दरअसल, वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया और 22 विधायकों के इस्तीफे से मंगलवार को पार्टी को झटका लगा है। फिलहाल, कांग्रेस अब अपनी सरकार को बचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक, वरिष्ठ नेता हरीश रावत और मध्य प्रदेश कांग्रेस इकाई के प्रभारी दीपक बाबरिया को पार्टी विधायकों के साथ बातचीत करने के लिए पर्यवेक्षकों के रूप में भोपाल ले जाया गया है। इससे पहले, सोनिया गांधी ने कांग्रेस महासचिव के सी वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता हरीश रावत के साथ बैठक की।
दूसरी ओर, कांग्रेस विधायक आज सुबह भोपाल से जयपुर के लिए रवाना होंगे। इसके अलावा, कांग्रेस ने अपने दो नेताओं- सज्जन सिंह वर्मा और गोविंद सिंह को बेंगलुरु भेजा है। इससे पहले दिग्विजय सिंह सहित कई कांग्रेस नेताओं ने भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोक्त का आरोप लगाया है। साथ ही कहा कि इन्होंने मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार को गिराने की साजिश रची है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि पार्टी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेगी और कहा कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी। हालांकि, सिंधिया के इस्तीफे ने कमलनाथ सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है।कांग्रेस छोड़ने के सिंधिया के फैसले के बाद पार्टी के 22 विधायकों जो उनके वफादार हैं उन्हें भी इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा देने वाले विधायकों में छह मंत्री शामिल हैं।
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