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MP Political Crisis: कांग्रेस का दावा- फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत साबित करेंगे, भाजपा के कुछ विधायक संपर्क में

कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक और अपनी ही सरकार के छह मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति को बुधवार देर रात याचिका सौंपी है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 12:08 AM (IST)Updated: Thu, 12 Mar 2020 01:04 AM (IST)
MP Political Crisis: कांग्रेस का दावा- फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत साबित करेंगे, भाजपा के कुछ विधायक संपर्क में
MP Political Crisis: कांग्रेस का दावा- फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत साबित करेंगे, भाजपा के कुछ विधायक संपर्क में

भोपाल, राज्य ब्यूरो। पूरे देश में मंगलवार को जब लोग रंगों का त्योहार मना रहे थे, उसी दौरान मध्य प्रदेश में सियासी रंग हर पल बदल रहा था। सुबह ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफे की खबर आई। फिर एक-एक कर उनके समर्थक विधायकों के इस्तीफे सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे। शाम ढलते-ढलते भाजपा के वरिष्ठ नेता विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति से मिलने पहुंचे।

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कांग्रेस का दावा- भाजपा के कुछ विधायक हमसे संपर्क बनाए हुए हैं 

भाजपा नेताओं के हाथ में सिंधिया समर्थक 19 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे थे। चार अन्य विधायक अलग से इस्तीफे दे चुके हैं। इन्हें मिलाकर अब तक 23 के इस्तीफे हो चुके हैं। उधर, कांग्रेस का दावा है कि हमारे विधायकों को गुमराह कर बेंगलुरु ले जाया गया है। वह हमारे संपर्क में हैं। भाजपा के भी कुछ विधायक हमसे संपर्क बनाए हुए हैं।

सभी इस्तीफे विधायकों द्वारा खुद लिखे गए

मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह ने मंगलवार को सिंधिया समर्थक विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे। भार्गव ने दावा किया कि सभी इस्तीफे विधायकों द्वारा खुद लिखे गए हैं।

नियमानुसार कार्रवाई होगी: विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस विधायकों के इस्तीफों पर सिर्फ इतना कहा है कि उन्हें विधायकों के त्यागपत्र मिले हैं। विधानसभा के जो भी नियम हैं, उसी के मुताबिक आगे की कार्रवाई की जाएगी।

ये हैं सिंधिया समर्थक 19 विधायक

तुलसी सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, प्रद्युम्न सिंह तोमर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी, महेंद्र सिसौदिया, मुन्नालाल गोयल, गिरिराज दंडोतिया, ओपी भदौरिया, जजपाल सिंह जज्जी, कमलेश जाटव, राज्यवर्धन सिंह, रघुराज कंषाना, हरदीपसिंह डंग, ब्रजेंद्र यादव, सुरेश राजखेड़ा, रक्षा सिरोनिया, जयवंत जाटव और रणवीर सिंह जाटव।

इन्होंने भी दिए इस्तीफे

19 विधायकों के इस्तीफे से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक बिसाहुलाल सिंह ने भी अपना त्यागपत्र विस अध्यक्ष को भेज दिया था। सिंह ने इसकी घोषणा पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के भोपाल स्थित निवास पर की। उन्होंने ये भी कहा कि कांग्रेस सरकार में विधायकों का कोई मान-सम्मान नहीं है। इसके बाद एदल सिंह कंषाना और मनोज चौधरी ने भी इस्तीफा सौंप दिया। एक अन्य कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग भी अपना इस्तीफा अध्यक्ष को भेजा है।

विधानसभा की मौजूदा स्थिति

कुल सदस्य संख्या 230

प्रभावी सदस्य संख्या 228

बहुमत 115

कांग्रेस 114

निर्दलीय 04

बसपा 02

सपा 01

भाजपा 107

यूं गिर सकती है सरकार

-23 विधायकों के इस्तीफे मंजूर हुए या वे विधानसभा से गैर हाजिर रहे तो प्रभावी संख्या होगी 205

-ऐसे में बहुमत का आंकड़ा 103 रह जाएगा।

-भाजपा के पास अभी 107 विधायक हैं।

वर्जन

फ्लोर टेस्ट में हम बहुमत साबित करेंगे। बेंगलुरु में कांग्रेस के जो भी विधायक हैं, उन्हें गुमराह किया गया है। वे हमारे संपर्क में हैं। भाजपा के भी कई विधायक हमारे संपर्क में हैं- शोभा ओझा, अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया सेल मप्र।

भाजपा विधायक भूपेंद्र सिंह द्वारा 19 विधायकों के इस्तीफे विधानसभा अध्यक्ष को सौंपे गए हैं। इन पर विधानसभा अध्यक्ष विचार कर रहे हैं- एपी सिंह, प्रमुख सचिव, मप्र विधानसभा।

सिंधिया समर्थक मंत्रियों को अयोग्य करने की गुहार

उधर, कांग्रेस ने सिंधिया समर्थक और अपनी ही सरकार के छह मंत्रियों को अयोग्य घोषित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति को बुधवार देर रात याचिका सौंपी है। इन पर सरकार को गिराने में विपक्षी दल भाजपा की मदद करने के आरोप लगाते हुए संविधान के अनुच्छेद 191(2) का हवाला देते हुए अयोग्य घोषित करने की मांग की है। मप्र कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता और चुनाव कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि संसदीय कार्य मंत्री डॉ. गोविंद सिंह व पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव के नाम से अध्यक्ष को सौंपी याचिका में मंत्री-तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसौदिया, डॉ. प्रभुराम चौधरी व प्रद्युम्न सिंह तोमर पर आरोप लगाया गया है कि उक्त कांग्रेस के टिकट पर विस चुनाव जीते हैं। अब वे सरकार को गिराने के लिए मंत्री रहते हुए विपक्षी दल भाजपा के साथ मिलकर साजिश रच रहे हैं।


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