MP Political Crisis : मप्र के भाजपा विधायक त्रिपाठी और कोल फिर बगावत के मूड में
सदन की कार्यवाही के दौरान त्रिपाठी और कोल के साथ भाजपा विधायकों ने लगातार बातचीत की। मगर त्रिपाठी ने फिर भी सदन के बाहर बागी तेवर दिखाए और मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की।
राज्य ब्यूरो, भोपाल। मप्र में जारी सियासी उठापटक में जिन दो भाजपा विधायकों-नारायण त्रिपाठी और शरद कोल पर कांग्रेस की नजर है, उन पर भाजपा ने विधानसभा में पैनी निगाहें लगाए रखीं। सदन की कार्यवाही के दौरान त्रिपाठी और कोल के साथ भाजपा विधायकों ने लगातार बातचीत की। मगर त्रिपाठी ने फिर भी सदन के बाहर बागी तेवर दिखाए और मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की तो भाजपा के साथ राजभवन में पार्टी विधायकों की परेड के दौरान कोल की मौजूदगी से उनके तेवर ठंडे दिखाई दिए।
मप्र विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने पर एक बार फिर सदन की कार्यवाही में मौजूद रहे भाजपा के नारायण त्रिपाठी के पार्टी विरोधी तेवर दिखाई दिए। सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले उन्होंने अध्यक्षीय दीर्घा में बैठे पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। यह दृश्य देखकर तुरंत उनके पास भाजपा विधायक विश्वास सारंग पहुंचे और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश दिया। त्रिपाठी संदेश मिलते ही चौहान के पास की कुर्सी पर बैठ गए और डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने उनकी कमर पकड़े हुए अपनत्व दिखाया। इस बीच त्रिपाठी को भाजपा के वरिष्ठ विधायकों ने घेर लिया। सदन के अंदर दूसरे भाजपा विधायक शरद कोल के आसपास भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा, बृजेंद्र प्रताप सिंह सहित कुछ अन्य एमएलए चहल-कदमी कर उनसे बातचीत करते रहे।
वहीं, नारायण त्रिपाठी के भाजपा विरोधी और कांग्रेस समर्थक तेवर सदन के बाहर मीडिया के सामने दिखाई देते रहे। उन्होंने कांग्रेस के 22 विधायकों के बंधक बनाए जाने का आरोप लगाया। साथ ही कहा कि यह भाजपा विधायक अरविंद भदौरिया के उस बयान सिद्ध होता है, जिसमें वे कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को चुनौती दे रहे हैं कि वे विधायकों से मिलने बेंगलुरु जा रहे हैं, उनमें ताकत या क्षमता है तो जो कर सकें, कर लें। त्रिपाठी ने इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी शाम को मुलाकात की। हालांकि वे अभी भी यह कह रहे हैं कि जो प्रदेश के लिए सच्चाई से काम कर रहा है, मैं उसके साथ हूं। किसके साथ हूं, यह समय आने पर बता देंगे।