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मप्र में मिलेगी 55 लाख किसानों को कर्जमाफी, साहूकार व्यवस्था होगी खत्म

मध्य प्रदेश 55 लाख किसानों का दो लाख रुपए तक का फसल ऋण माफ करके देश के किसी भी राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी कर्जमाफी देगा।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Wed, 16 Jan 2019 10:01 AM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 10:01 AM (IST)
मप्र में मिलेगी 55 लाख किसानों को कर्जमाफी, साहूकार व्यवस्था होगी खत्म
मप्र में मिलेगी 55 लाख किसानों को कर्जमाफी, साहूकार व्यवस्था होगी खत्म

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश 55 लाख किसानों का दो लाख रुपए तक का फसल ऋण माफ करके देश के किसी भी राज्य के इतिहास की सबसे बड़ी कर्जमाफी देगा। इसकी शुरुआत मंगलवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ ने किसानों से कर्जमाफी का फॉर्म भरवाकर कर दी। योजना के तहत अप्रैल 2007 के बाद और 31 मार्च 2018 तक सहकारी, क्षेत्रीय ग्रामीण और राष्ट्रीयकृत बैंकों से अल्पकालीन फसल ऋण लेने वाले किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा। हालांकि, बसपा प्रमुख मायावती ने कांग्रेस की इस योजना का धोखा बताया है। उनका मानना है कि बड़ी तादाद में किसान साहूकारों से कर्ज लेते हैं। जब तक उनका कर्जमाफ नहीं किया जाता, इस योजना के कोई मायने नहीं रहेंगे। इसको लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मंगलवार को सुबह उनसे फोन पर बात भी की। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि साहूकार व्यवस्था को खत्म किया जाएगा।

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प्रदेश में किसानों पर लगभग 50 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। इसमें 45 हजार करोड़ रुपए नियमित और साढ़े 13 हजार करोड़ रुपए कालातीत कर्ज है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश में विधानसभा चुनाव के अभियान का शंखनाद करते हुए कर्जमाफी का एलान किया था। साथ ही कहा था कि यदि दस दिन के भीतर इसे लागू नहीं किया तो मुख्यमंत्री बदल दिया जाएगा। कमलनाथ ने मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद मंत्रालय में पदभार ग्रहण करते हुए सबसे पहले कर्जमाफी योजना की फाइल पर हस्ताक्षर किए और कृषि विभाग ने आदेश जारी कर दिए। मंत्रियों की मांग पर 12 दिसंबर 2018 तक कर्ज चुकाने वाले किसानों को योजना के दायरे में रखने का निर्णय लिया गया।

सरकार ने तय किया है कि जिन किसानों ने 12 दिसंबर 2018 तक आंशिक या पूरा कर्ज चुका दिया है, उन्हें भी कर्जमाफी के दायरे में रखा जाएगा। कर्जमाफी के लिए किसानों की सूची 15 से लेकर 18 जनवरी तक पंचायतों में चस्पा होगी और इनसे फॉर्म भराए जाएंगे। आधार से बैंक खाते लिंक होना योजना में अनिवार्य रखा गया है ताकि वास्तविक किसान को ही कर्जमाफी का लाभ मिले। सरकार की मंशा है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले किसानों के खातों में कर्जमाफी की राशि चली जाएगी। इसके मद्देनजर ही 22 फरवरी तक सभी प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य रखा गया है।

मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन की शुरुआत करते हुए कहा कि बसपा प्रमुख मायावती की भावना की मैं कद्र करता हूं। उन्होंने साहूकार से किसान ने लिए कर्ज का विषय उठाया है। हम इस पर भी कदम उठाने जा रहे हैं। साहूकार व्यवस्था पर क्या एक्शन ले सकते हैं, इसे देखा जा रहा है। इसका एक ही हल है। यह व्यवस्था खत्म करनी है। उल्लेखनीय है कि शिवराज सरकार ने भी साहूकारों पर नकेल कसने के लिए साहूकार अधिनियम में संशोधन करने का विधेयक का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा था लेकिन इसे कुछ सुधारों के लिए वापस लौटा दिया गया। तब से ही यह अटका हुआ है। इसमें सरकार अधिसूचित क्षेत्रों में ब्याज पर पैसा देने के कामों को ही प्रतिबंधित करने जा रही थी। साथ ही ब्याज की दर तय करने का काम भी अपना हाथ में रखने का प्रस्ताव था।

15 लाख से ज्यादा किसानों के खाते में पहुंचाए जाएगी राशि

कृषि महकमे के सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले 15 लाख से ज्यादा किसानों को कर्जमाफी मिल जाएगी। इनके खातों में राशि पहुंचेगी और कर्जमुक्ति प्रमाण पत्र मिल जाएंगे। वहीं, समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को सम्मान पत्र के साथ कर्जमाफी दी जाएगी। सबसे पहले सहकारी बैंकों के कर्जदार किसानों का नंबर आएगा। इसके बाद क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और फिर राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्जदार किसानों को कर्जमाफी मिलेगी। चालू वित्तीय वर्ष के लिए सरकार ने द्वितीय अनुपूरक बजट में पांच हजार करोड़ रुपए का प्रावधान कर्जमाफी के लिए किया है।


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