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मप्र विस चुनाव: कहीं सीएम के नाम पर हंगामा तो कहीं दावेदारी पर भिड़ रहे कांग्रेसी

कांग्रेस में रूठे हुए या उपेक्षित नेताओं को पार्टी में सक्रिय करने के लिए दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति बनाई गई है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 13 Aug 2018 06:34 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2018 06:34 PM (IST)
मप्र विस चुनाव: कहीं सीएम के नाम पर हंगामा तो कहीं दावेदारी पर भिड़ रहे कांग्रेसी
मप्र विस चुनाव: कहीं सीएम के नाम पर हंगामा तो कहीं दावेदारी पर भिड़ रहे कांग्रेसी

भोपाल, नईदुनिया स्टेट ब्यूरो। विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और कांग्रेस में गरमा-गरमी का माहौल बनता जा रहा है। संगठन की बैठकों में दावेदारों के हंगामे शुरू हो गए हैं तो वहीं मुख्यमंत्री के नाम पर भी दिग्गजों के समर्थक नेताओं पर गुस्सा निकाल रहे हैं। कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय बनाने की जगह अब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने तक के हालात बनने लगे हैं। दो साल में चार जिलों में ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं।

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कांग्रेस में रूठे हुए या उपेक्षित नेताओं को पार्टी में सक्रिय करने के लिए दिग्विजय सिंह की अध्यक्षता वाली समन्वय समिति बनाई गई है। मगर पिछले कुछ समय से जिलास्तर पर एआईसीसी के नेताओं द्वारा ली जा रही पार्टी की संगठनात्मक बैठकों में दावेदारों और अन्य मुद्दों को सही ढंग से नहीं संभाल पाने से विपरीत स्थितियां बन रही हैं। इसके चलते अनुशासनात्मक कार्रवाई के नाम पर रीवा में छह नेताओं का निष्कासन हो चुका है और दो पर फैसला होने वाला है। वहीं, विदिशा की घटना में भी जांच कमेटी पीसीसी को रिपोर्ट सौंपने वाली है। इसमें जिला कांग्रेस कमेटी व स्थानीय नेताओं पर एक्शन की संभावना है।

कब-कहां क्या हुआ

स्थान: रीवा तारीख: 29 जुलाई 2018

प्रदेश प्रभारी महासचिव दीपक बावरिया कार्यकर्ताओं से बातचीत कर रहे थे। उनसे भी़ड के बीच में कांग्रेस के सीएम चेहरे का सवाल किया गया तो उन्होंने कमलनाथ या ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिया। इसके बाद जब नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह का जब नाम लेकर सवाल किया तो फिर वही जवाब दोहराते हुए वे नाराज हो गए। कमरे में उनके साथ धक्का-मुक्की हो गई तो छह कांग्रेस नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया। दो पार्षदों के नोटिस पर अभी फैसला नहीं हुआ है।

स्थान: विदिशा तारीख: 06 अगस्त 2018

प्रदेश प्रभारी बावरिया संगठन की बैठक लेने पहुंचे थे। वहां शमशाबाद विधानसभा क्षेत्र के दावेदार सिंधु विक्रम सिंह भी गए और उनके समर्थक भी साथ थे। मंच पर बैठने को लेकर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों और विक्रम सिंह समर्थकों के बीच विवाद हुआ जो हंगामे में बदल गया। यहीं बावरिया ने कार्यकर्ताओं के हंगामे पर बयान दे दिया कि अनुशासन की सीख आरएसएस से लेना चाहिए। इस हंगामे पर पीसीसी ने जांच कमेटी भेजी, जिसने अभी रिपोर्ट नहीं दी है।

स्थान : देवास तारीख : 10 अगस्त 2018

जिले में बावरिया विधानसभा क्षेत्रों के दावेदारों से बातचीत कर रहे थे। बंद कमरे में वे पूर्व सांसद और सोनकच्छ से टिकट की दावेदारी कर रहे सज्जन सिंह वर्मा चर्चा कर रहे थे। इसी दौरान एक अन्य दावेदार शिवनारायण हा़डा ने भीतर जाने का प्रयास किया। यहां वर्मा समर्थक मनोज राजानी व उनके साथियों से हा़डा व उनके समर्थकों का झग़़डा हुआ। हा़डा व उनके समर्थक सोनकच्छ में बाहरी प्रत्याशी का विरोध कर रहे थे और बंजारा या बलाई समाज के टिकट की मांग कर रहे थे। बात इतनी ब़़ढ गई कि मामले में एफआईआर तक करा दी गई है।

स्थान : दतिया तारीख : 11 अगस्त 2018

जिले में प्रदेश प्रभारी सचिव वर्षा गायकवाड एक बैठक ले रही थीं। मंच पर बैठने को लेकर एक स्थानीय नेता व प्रदेश कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य मुरारीलाल गुप्ता व उनके समर्थकों ने हंगामा मचा दिया। काफी देर तक हंगामा मचने पर गायकवा़ड ने दोनों पक्षों को शांत किया।


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