Move to Jagran APP

दागियों को टिकट देने के कारण पर अधिकतर दलों ने साधी चुप्पी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश

बिहार में चुनावी सरगर्मी जोरों पर है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए जो आदेश दिया था उसे ज्यादातर दलों ने नजरअंदाज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दल बताएंगे कि उन्होंने दागी यानी आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 19 Oct 2020 09:43 PM (IST)Updated: Tue, 20 Oct 2020 04:01 AM (IST)
दागियों को टिकट देने के कारण पर अधिकतर दलों ने साधी चुप्पी, सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद दागियों को टिकट देने पर अधिकतर दलों ने चुप्पी साध रखी है...

माला दीक्षित, नई दिल्ली। बिहार में चुनावी सरगर्मी जोरों पर है। चुनाव मैदान में डटे उम्मीदवार बड़े बड़े दावे कर रहे हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति का अपराधीकरण रोकने के लिए जो आदेश दिया था उसे ज्यादातर दलों ने नजरअंदाज किया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक दल बताएंगे कि उन्होंने दागी यानी आपराधिक पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट क्यों दिया और उसे क्यों नहीं दिया जिसकी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है। बिहार चुनाव में उतरे ज्यादातर राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया है।

loksabha election banner

ज्यादातर दलों ने दागियों को टिकट देने का कारण अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया है। सुप्रीम कोर्ट ने गत 13 फरवरी को अवमानना याचिका पर फैसला सुनाते हुए उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि और शिक्षा व संपत्ति का ब्योरा राजनैतिक दलों की वेबसाइट पर डालने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद पहला चुनाव बिहार विधानसभा का ही हो रहा है।

एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) मंगलवार को अपनी अध्ययन रिपोर्ट सार्वजनिक करेगा जिसमें बताया जाएगा कि बिहार चुनाव में कितने उम्मीदवार दागी हैं। किस दल ने कितने दागियों को टिकट दिया है और किस उम्मीदवार की शिक्षा और संपत्ति का ब्योरा क्या है। एडीआर उम्मीदवारों द्वारा नामांकन भरते समय दिए गए हलफनामे के ब्योरे का अध्ययन करके यह रिपोर्ट तैयार करता है।

एडीआर के प्रमुख सेवानिवृत्त मेजर जनरल अनिल वर्मा कहते हैं कि ज्यादातर राजनीतिक दलों ने दागियों को टिकट देने का कारण अपनी पार्टी की वेबसाइट पर सार्वजनिक नहीं किया है। बस एक दो दलों ने ही यह जानकारी वेबसाइट पर दी है जिसमें जदयू शामिल है। बिहार के सत्ताधारी दल जदयू ने अपनी पार्टी की वेबसाइट पर उम्मीदवार की आपराधिक पृष्ठभूमि बताने के साथ ही यह भी बताया है कि उसने ऐसे उम्मीदवार को टिकट क्यों दिया और उसे क्यों नहीं दिया जिनकी आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.