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Monsoon Session of Parliament: 18 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, सरकार को इन मुद्दों पर घेर सकता है विपक्ष

संसद के मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी गई है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होगा जो अगस्त के दूसरे हफ्ते (12 अगस्त) तक चलेगा ....

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 30 Jun 2022 09:06 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 02:56 AM (IST)
Monsoon Session of Parliament: 18 जुलाई से शुरू होगा संसद का मानसून सत्र, सरकार को इन मुद्दों पर घेर सकता है विपक्ष
संसद के मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी गई है।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। संसद का माननसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होकर 12 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी लोकसभा सचिवालय ने गुरुवार को दी। संसद का यह मानसून सत्र खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को ही राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान है। मानसून सत्र में 18 जुलाई से 12 अगस्त के बीच कुल 17 कार्य दिवस पड़ रहे हैं। इस सत्र में सरकार कई विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है। इनमें संसदीय समिति के समक्ष विचार के लिए भेजे गए चार विधेयक शामिल हैं।

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मालूम हो कि राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव भी 18 जुलाई को ही होने हैं। विपक्ष खासकर कांग्रेस के तेवरों से साफ है कि संसद का यह सत्र बेहद गर्म रहने वाला है। कांग्रेस ईडी द्वारा राहुल गांधी से पूछताछ, महंगाई, बेरोजगारी और अन्य अहम मुद्दों को लेकर सरकार को घेर सकती है।

महाराष्‍ट्र में महा विकास आघाड़ी की सरकार जाने से नाराज कांग्रेस, उद्धव गुट और राकांपा का संसद के मानसून सत्र में बेहद तल्‍ख और आक्रामक अंदाज सामने आ सकता है। कांग्रेस पहले से ही राहुल और सोनिया गांधी पर ईडी के रुख को लेकर आक्रामक मूड में है। कांग्रेस मानसून सत्र में इन दोनों मुद्दों को लोकतंत्र को कुचले जाने का हवाला देकर उठा सकती है। वहीं सत्‍ता पक्ष भी उदयपुर में हुए बर्बर हत्‍याकांड को राज्‍य सरकार की विफलता के तौर पर गिना सकता है।

कांग्रेस सेना में भर्ती की अग्निपथ योजना को लेकर विरोध कर रही है। संसद सत्र में विपक्ष इस योजना को उछाल कर सरकार पर हमले कर सकता है। वहीं सत्‍ता पक्ष इस योजना की खूबियां गिना सरकार के फैसले को सही ठहराएगा। सनद रहे अग्निपथ योजना को लेकर युवाओं के एक वर्ग में भारी आक्रोश था। देश के कई हिस्‍सों में इस योजना के विरोध में प्रदर्शन और हिंसा देखी गई थी।

मानसून सत्र के दौरान जहां सरकार अपनी नीतियों को धार देने की कोशिश करेगी... वहीं विपक्ष सरकार पर हमले का कोई भी मौका नहीं छोड़ेगा। आने वाले कुछ महीनों में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में चुनाव होने वाले हैं। इस लिहाज से भी यह सत्र बेहद महत्‍वपूर्ण होगा।


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