कोरोना महामारी के चलते अगस्त के आखिरी हफ्ते में शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र
लोकसभा की बैठक सेंट्रल हॉल और राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। सरकार अगस्त के आखिरी या सितंबर के पहले हफ्ते से संसद के मानसून सत्र की संभावना पर विचार कर रही है। हालांकि, कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अभी कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है।
मानसून सत्र की अवधि स्थितियों पर निर्भर करेगा
सरकार से जुड़े सूत्रों ने बुधवार को बताया कि मानसून सत्र की अवधि व आयोजन का तरीका सत्र की शुरुआत के समय की स्थितियों पर निर्भर करेंगे। हालांकि, सरकार पूर्ण सत्र आयोजित करना चाहती है, क्योंकि कई अध्यादेश ऐसे हैं जिन्हें संसद में पेश करने की जरूरत है।
दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता
सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि संसद का मानसून सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू हो जाएगा, क्योंकि दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता है।
संसद का बजट सत्र कोरोना के चलते अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था
संसद का बजट सत्र तीन अप्रैल तक निर्धारित था, लेकिन कोरोना महामारी को देखते हुए 23 मार्च को ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था।
लोकसभा की बैठक सेंट्रल हॉल, राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित हो सकती है
सूत्रों ने कहा कि संसद सत्र को लेकर कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। लोकसभा की बैठक सेंट्रल हॉल और राज्यसभा की बैठक लोकसभा में आयोजित करने पर भी विचार किया जा रहा है। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला व राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू शारीरिक दूरी जैसे मानदंडों के साथ संसद का मानसून सत्र आयोजित करने पर चर्चा करते रहे हैं।
बिरला और नायडू ने वर्चुअल संसद की संभावना पर भी विचार किया
दोनों ने भविष्य में विकल्प के तौर पर वर्चुअल संसद की संभावना पर भी विचार किया है। वे संसद सत्र में तकनीक के इस्तेमाल की स्वीकार्यता के पक्षधर हैं, ताकि प्रतिकूल परिस्थितियों में भी कार्यवाही जारी रखी जा सके।