मोदी सरकार का मानसून तोहफा, 50 से अधिक सामान और सेवाओं पर जीएसटी घटा
सरकार ने मध्यम वर्गीय परिवारों, छोटे व मझोले व्यापारियों और उद्योगजगत को बड़ी राहत दी।
हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर बड़ी जीत के दूसरे ही दिन सरकार ने मध्यम वर्गीय परिवारों, छोटे व मझोले व्यापारियों और उद्योगजगत को बड़ी राहत दी। शनिवार को केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल ने 50 से अधिक वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटा दी। इस कदम से सरकार के खजाने पर सालाना लगभग सात हजार करोड़ रुपये का भार आएगा।
मध्यम वर्ग परिवार और छोटे मझोले व्यापारियों को बड़ी सौगात
काउंसिल के इस कदम से टीवी, फ्रिज और वाशिंग मशीन जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल आइटम तथा सेनेटरी नैपकिन, एक हजार रुपये तक के जूते-चप्पल व पेंट सहित कई दर्जन उत्पाद सस्ते हो जाएंगे। वहीं रिटर्न की प्रक्रिया सरल बनाते हुए सालाना पांच करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले व्यापारियों को अब हर महीने जीएसटी रिटर्न भरने की जगह तीन महीने में एक बार रिटर्न भरने की सुविधा देने का फैसला किया गया है जिससे 93 प्रतिशत व्यापारियों को फायदा होगा। साथ ही जीएसटी कानून के तहत 'रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म' के विवादित प्रावधान का क्रियान्वयन भी 30 सितंबर 2019 तक टालने का निर्णय किया गया है।
लगभग 9 घंटे चली काउंसिल की बैठक में हुए फैसलों की जानकारी देते हुए गोयल ने कहा कि देशहित और जनहित को सर्वोपरि रखते हुए सभी राज्यों की सहमति से फैसला किया गया है। इससे मध्यम वर्गीय परिवारों और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिलेगी। अगले सात-आठ महीने में आम चुनाव है और इस लिहाज से वर्तमान राजग सरकार अब कोई पूर्ण बजट पेश नहीं करेगी। ऐसे में काउंसिल का यह कदम अहम है।
फ्रिज, 68 सेमी वाले टीवी, वाशिंगमशीन समेत कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। वहीं राखी, झाडू, सेनिटरी नैपकिन, पत्थर, मार्बल व लकड़ी से बनी मूर्तियों पर जीएसटी की दर घटाकर शून्य कर दी गयी है। सैनिटरी नेपकिन पर जीएसटी घटाने की मांग एक साल से चल रही थी।
किसानों को राहत देते हुए खाद में इस्तेमाल होने वाले फॉस्फेरिक एसिड पर जीएसटी की दर 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत कर दिया गया है। ईथनॉल पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत करने का निर्णय किया गया है। इससे संकट में चल रहे चीनी उद्योग और गन्ना किसानों को राहत मिलेगी। हालांकि चीनी पर सैस लगाने और डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट देने पर काउंसिल ने कोई फैसला नहीं किया। इसके अलावा कई हस्तशिल्प उत्पादों पर भी जीएसटी में राहत दी गयी है।
अचानक जीएसटी घटाकर चौंकाया
सूत्रों के मुताबिक टीवी, फ्रिज और वाशिंगमशीन जैसी जिन चीजों पर जीएसटी की दर घटाई गई है। वह काउंसिल के एजेंडा में पहले से शामिल नहीं थी। यह बैठक के दिन ही टेबल एजेंडा के रूप में विचार के लिए आई। बताया जाता है कि अधिकारियों ने जब गोयल से कहा कि जीएसटी रेट कम करने के सुझाव व प्रस्ताव पर पहले फिटमेंट कमिटी के पास विचार के लिए भेजा जाना चाहिए तो उन्होंने साफ कहा कि सभी राज्य यहां मौजूद हैं और अगर किसी को कोई आपत्ति है तो यहां व्यक्त कर सकता है। बताया जाता है कि एक हजार रुपये तक के जूते पर भी जीएसटी की दर घटाने का निर्णय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आग्रह पर किया गया।
छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत
छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत देते हुए जीएसटी काउंसिल ने यह निर्णय किया है कि जिन कारोबारियों का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये से कम है, उन्हें मासिक रिटर्न की जगह तिमाही रिटर्न भरना होगा। इससे जीएसटी में पंजीकृत 93 प्रतिशत कारोबारियों को लाभ मिलेगा। हालांकि यह सुविधा लेने वाले व्यापारियों को जीएसटी हर माह जमा करना होगा। इसके अलावा काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा सालाना टर्नओवर एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रुपये का निर्णय किया। साथ ही कंपोजीशन स्कीम के डीलरों को उनके टर्नओवर का 10 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये तक सेवाओं की आपूर्ति की छूट भी देने का निर्णय किया गया।
सात पर्वतीय राज्यों में बढ़ाई जीएसटी से छूट की सीमा
जीएसटी काउंसिल ने असम, अरुणाचल प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, मेघालय, सिक्किम और उत्तराखंड में जीएसटी में पंजीकरण के लिए 10 लाख रुपये सालाना टर्नओवर की सीमा को बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का निर्णय भी किया गया। इसका मतलब यह है कि अब इन राज्यों में 20 लाख रुपये से कम सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। कारोबारियों को दूसरी बड़ी राहत यह है कि अब वे एक ही प्रदेश में कई जगह पंजीकरण करा सकेंगे।
जीएसटी काउंसिल ने सीजीएसटी एक्ट, आइजीएसटी एक्ट, यूजीएसटी एक्ट और जीएसटी क्षतिपूर्ति एक्ट में प्रस्तावित संशोधन के मसौदे को भी मंजूरी दी।