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मोहन भागवत ने कहा- साकार होने लगा है गांधीजी की कल्पना का भारत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने आश्वस्त किया कि देश महात्मा गांधी की कल्पना का भारत बनने की ओर आगे बढ़ रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:40 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 02:29 AM (IST)
मोहन भागवत ने कहा- साकार होने लगा है गांधीजी की कल्पना का भारत
मोहन भागवत ने कहा- साकार होने लगा है गांधीजी की कल्पना का भारत

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक डॉ. मोहन भागवत ने आश्वस्त किया कि देश महात्मा गांधी की कल्पना का भारत बनने की ओर आगे बढ़ रहा है और इसमें नई पीढ़ी प्रमुख भूमिका निभा रही है।

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गांधी के भारतीय विचार को आगे रख भागवत ने कहा- 20 साल में बदलाव दिखेगा

 उन्होंने कहा कि 20 सालों के बाद यह बदलाव स्पष्ट दिखाई देगा। उस बदलाव में हम गांधीजी से कह सकेंगे कि वह यहां आश्रम बनाकर रह सकते हैं।

मोहन भागवत ने कहा- गांधीजी की कल्पना का भारत साकार होने लगा

वह दिल्ली में सोमवार को 30 जनवरी मार्ग स्थित गांधी स्मृति में शिक्षाविद प्रो. जगमोहन सिंह राजपूत की पुस्तक 'गांधी को समझने का यही समय' के विमोचन पर लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यह बात 20 साल पहले असंभव लगती थी, लेकिन आज पूरे देश में घूमने के बाद मैं कह सकता हूं कि गांधीजी की कल्पना का भारत साकार होने लगा है।

भारत के व्यक्ति के लिए गांधीजी ने भारत की दृष्टि के आधार पर सोचा

भागवत ने कहा कि भारत का आदमी कैसा हो, इसके लिए गांधीजी ने भारत की दृष्टि के आधार पर सोचा। वह भारतीय दृष्टि के आविष्कार थे। वह अपनी धारणाओं का खुद पर प्रयोग करते थे और इसी वजह से हिंदू होने पर उन्होंने कभी लज्जा जाहिर नहीं की। बल्कि कई बार कहा कि वह पूरी तरह से सनातन में विश्वास रखते हैं और कट्टर हिंदू हैं। इसलिए पूजा में भेद को नहीं मानता हूं। मैं अपने धर्म में रहूं। तुम अपने धर्म में रहो। क्योंकि धर्म का अंतिम सत्य एक ही है।

भागवत ने कहा- शिक्षा के जरिये हमारा दिमाग बिगाड़ दिया गया

उन्होंने मौजूदा शिक्षा नीति पर प्रहार करते हुए कहा कि शिक्षा के जरिये हमारा दिमाग बिगाड़ दिया गया है। एक समय था जब हमारी चीजों को गलत मानकर चला जाता था, लेकिन अब स्थिति बदल रही है। उन्होंने सत्य परक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि इसके माध्यम से ये नहीं बताया जाना चाहिए कि ये हमारे पक्ष का है और ये विपक्ष का।


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