जब Modi-Xi ने 'चाय पर चर्चा' के साथ बॉलीवुड के गाने का लिया मजा, रखी मजबूत संबंधों की नींव
पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। इस साल चेन्नई के महाबलीपुरम में दोनों के बीच दूसरा सम्मेलन होगा।
नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पिछले साल वुहान में पहला अनौपचारिक शिखर सम्मेलन हुआ था। इस सम्मेलन ने मजबूत संबंधों की नींव रखी। इसके बाद दोनों देशों के बीच संबंध दिन पर दिन मजबूत होते गए और अब इस साल चेन्नई के महाबलीपुरम में 11 से 12 अक्टूबर को दोनों के बीच दूसरी बार यह सम्मेलन होगा।
चीनी राष्ट्रपति शी ने पिछले साल शिखर सम्मेलन में मोदी को घर पर अच्छा महसूस कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसकी शुरुआत एक मोर-मोटिफ मेनू कार्ड से हुई, जो तिरंगे के रंग में रंगा था। दोनों नेताओं के बीच पूर्वी झील में एक नाव पर 'चाय पे चर्चा' हुई। दोनों नेताओं ने वुहान में गहरी मित्रता दिखाई। दोनों नेताओं के बीच सीधी, स्वतंत्र और स्पष्ट तरीके से बातचीत हुई।
रणनीतिक संचार के स्तर को ऊपर ले जाने में मदद
दोनों नेताओं के बीच संवाद ने प्राथमिकताओं और दृष्टि को लेकर रणनीतिक संचार के स्तर को ऊपर ले जाने में मदद की। इससे उन्हें घरेलू, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर मार्गदर्शन मिला। इस सम्मेलन के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि इससे दोनों देशों के संबंधों का भविष्य तय हुआ। इस दौरान एक-दूसरे के विकास को लेकर आकांक्षाओं और आपसी संवेदनशीलता के साथ मतभेदों के निपटारे के लिए एक समझ विकसित हुई।
'तू, तू है वही दिल ने जिसे अपना कहा'
शी और मोदी को पिछले साल मुलाकात के दौरान पारंपरिक चीनी वाद्ययंत्रों पर 1982 के बॉलीवुड गीत 'तू, तू है वही दिल ने जिसे अपना कहा' के वाद्य गायन का आनंद लेते देखा गया था। वुहान शिखर सम्मेलन 2017 से लगभग 72 दिनों तक चलने वाले भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच डोकलाम गतिरोध के बाद संबंधों को सामान्य करने में सफलता मिली। भारत, चीन, और भूटान के बॉर्डर पर चीन ने निर्माण कार्य शुरू किया था, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था।
संबंधों में मजबूती
कई दौर की बातचीत के बाद, भारत और चीन के बीच तनाव कम हुआ। जबकि, दोनों पक्षों के बीच मतभेदों को पिछले साल वुहान में दोनों नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद तेज गति से हल किया गया। वुहान अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बाद भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में एक और ऐतिहासिक क्षण इस साल मई में देखने को मिला। जब पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मुहम्मद (जेएम) प्रमुख मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया गया। संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस द्वारा मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रस्ताव से अपना टेक्निकल होल्ड हटा लिया।
प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता
दोनों नेताओं के बीच शुक्रवार और शनिवार को महाबलीपुरम में सम्मेलन के दौरान किसी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं होने की उम्मीद है। शी और मोदी के बीच बैठक के साथ-साथ इस दौरान प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता आयोजित होने की उम्मीद है।
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