मोदी बुढ़ापे को नहीं बनने देंगे बोझ, पीएम आज कर सकते हैं योजना का ऐलान
वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटी सरकार ने फिलहाल इस दिशा में एक नई पहल शुरू करने में जुटी है।
अरविंद पांडेय। नई दिल्ली। सेवानिवृत्ति या फिर साठ की उम्र पार होने के बाद भी यदि आप स्वस्थ हैं और सक्रिय हैं, तो अब आप पर बुढ़ापा भारी नहीं पड़ने वाला है। सरकार ऐसे सभी सक्रिय बुजुर्गो को अब राष्ट्रहित से जुड़े कामों में जोड़ने का फैसला लिया है। इसके तहत इन सभी को इनकी पसंद और अनुभव से जुड़े कामों से जोड़ा जाएगा। इससे जहां सरकार, देश और समाज को इनके लंबे अनुभव का फायदा मिलेगा, वहीं इन पर भी बुढ़ापे का असर जल्दी नहीं छायेगा। वह एक लंबा सक्रिय जीवन बिता सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को प्रयागराज मे आयोजित वयोश्री योजना के तहत लगाए गए मेगा कैंप में इसका ऐलान कर सकते हैं।
वयोश्री योजना- वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटी मोदी सरकार
वरिष्ठ नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने में जुटी सरकार ने फिलहाल इस दिशा में एक नई पहल शुरू करने में जुटी है। इसके तहत देश भर के करीब तीन लाख ऐसे बुजुर्गों की पहचान भी की गई है, जो सक्रिय है और उनमें कुछ करने का जुनून भी है।
सक्रिय बुजुर्गों को सरकारी योजनाओं से जोड़ा जाएगा
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के मुताबिक अब इन सभी को अलग-अलग क्षेत्रों में चल रही सरकार की योजनाओं से जोड़ा जाएगा। इसका भी एक एक्शन प्लान तैयार किया जा रहा है। सरकार ने यह पहल तब शुरु की है, जब बड़ी संख्या में सक्रिय बुजुर्गो ने सरकार से उनकी योजनाओं में हाथ बंटाने की इच्छा जताई है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्गों की मदद से विकास योजनाएं बेहतर ढंग से करेंगी काम
सरकार का सबसे ज्यादा फोकस ग्रामीण क्षेत्रों की ओर है। जहां अभी विकास योजनाएं बेहतर तरीके से नहीं पहुंच पा रही है। बुजुर्ग अपने अनुभव के जरिए इसे लक्ष्य तक पहुंचाने में मददगार साबित हो सकते हैं।
जापान में भी बुजुर्गों को नए जाब दिए जा रहे हैं
गौरतलब है कि जापान में भी बुजुर्गों को नए जाब दिए जा रहे हैं। शायद भारत ने भी इससे सीख ली है।
देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या करीब 15 करोड़ है
मंत्रालय की एक रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या करीब 15 करोड़ है, जो तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2025 तक यह संख्या 20 करोड़ के आसपास पहुंचने का अनुमान है। हालांकि मौजूदा समय में इनकी जो संख्या है, उनमें करीब दस करोड़ वरिष्ठ नागरिक सक्रिय है। सरकार अब इन्हें ही विकास की मुख्य धारा से जोड़ने की योजना को लेकर काम कर रही है।