आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई किसी धर्म के विरुद्ध नहीं : मोदी
मोदी ने कहा कि जो लोग मजहब के नाम पर उग्रवाद फैलाते हैं, अगर वह समझते हैं कि इससे मजहब का फायदा होगा तो वह गलत है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली'। आतंक का कोई धर्म नहीं होता और इसलिए इसको खत्म करने के लिए चलाई जाने वाली लड़ाई किसी धर्म के खिलाफ नहीं है।' भारत और जॉर्डन ने यही संदेश गुरुवार को नई दिल्ली से पूरी दुनिया को दिया है। भारत यात्रा पर आए जॉर्डन के शाह सलमान अब्दुल्ला-अल-हुसैन और पीएम नरेंद्र मोदी ने 'इस्लामिक विरासत : सद्भावना व उदारता संवर्द्धन' विषय पर अभिभाषण देते हुए इस्लाम की सही व्याख्या से दुनिया को अवगत कराने का प्रयास किया। दोनों नेताओं ने विश्व को एक परिवार बताया और कहा कि भारत में धार्मिक सहिष्णुता की जड़ें काफी गहरी हैं।
मोदी ने कहा कि जो लोग मजहब के नाम पर उग्रवाद फैलाते हैं, अगर वह समझते हैं कि इससे मजहब का फायदा होगा तो वह गलत है। इससे इन लोगों और उनके धर्म दोनों का नुकसान है। उन्होंने कहा कि हर धर्म मानवीय मूल्यों को बढ़ावा देते हैं। इन मूल्यों की वजह से ही हमेशा से भारत हर धर्म के विकसित होने का केंद्र रहा है। भारत के लोकतंत्र में भी धार्मिक सहिष्णुता की झलक मिलती है।
अपने संबोधन में जॉर्डन के शाह ने कहा कि दुनिया के प्रत्येक धर्म का मकसद हर मानव को एक साथ जोड़ना है। इसी तरह से हर व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वह हर विभाजनकारी शक्ति को नकार दे। उन्होंने यह भी कहा कि अभी सहनशील इस्लाम की अवधारणा को ज्यादा से ज्यादा प्रसारित करने की जरूरत है। नफरत फैलाने वालों की आवाज को दबा देना हम सबका दायित्व है। अभी आतंक के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है, यह विभिन्न धर्मो के बीच की लड़ाई नहीं है। यह कट्टरवाद और उग्र कट्टरवाद के खिलाफ उदारवाद की लड़ाई है। यह काम हर तरह से करनी होगी। युवाओं को धर्म का सही मतलब समझाना होगा।
इस अवसर पर दोनों नेताओं ने प्रिंस गाजी बिन मुहम्मद की तरफ से लिखित व जमीयत उलमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद द्वारा अनुवादित पुस्तक 'ए थिंकिंग पर्सन्स गाइड टू इस्लाम' का विमोचन भी किया।
एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर
-खाड़ी देशों के साथ अपने रिश्तों को नया आयाम देने में जुटा भारत जॉर्डन के साथ अपने संबंधों को भी बहुत ज्यादा अहमियत दे रहा है।
--प्रधानमंत्री मोदी जॉर्डन के शाह का स्वागत करने खुद एयरपोर्ट पहुंचे। गुरुवार को दोनों देशों के बीच एक दर्जन समझौतों पर हस्ताक्षर हुए।
--इसमें रक्षा क्षेत्र में सहयोग स्थापित करने का करारनामा भी है। भारत जॉर्डन के सैनिकों को आधुनिक प्रशिक्षण देने को तैयार है
भारत साइबर क्राइम रोकने में भी जॉर्डन की मदद करेगा। मोदी और जॉर्डन के शाह की वार्ता में आतंकवाद का मुद्दा बहुत अहम रहा।
--जॉर्डन ने भारत में तैयार हेलीकॉप्टर में खास तौर पर रुचि दिखाई है। इसके बारे में आगे विस्तार से बातचीत की जाएगी।
--जॉर्डन को तत्काल 50 लाख डॉलर की दवाओं और इंजेक्शन की आपूर्ति की जाएगी। जॉर्डन ने मोदी की फलस्तीन यात्रा पर भी खुशी जताई है।