मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 371 लागू करने की संभावना से किया इन्कार
अनुच्छेद 371 लागू करने की रिपोर्ट आधारहीन है। कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार कुछ पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी डोमीसाइल अधिकार दे सकता है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 371 लागू करने की संभावना से इन्कार किया है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता का कहना है कि ऐसी रिपोर्ट पूरी तरह से निराधार है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 371 लागू करने की रिपोर्ट पूरी तरह से आधारहीन हैं। यह कहा जा रहा था कि केंद्र सरकार कुछ पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर जम्मू-कश्मीर में भी डोमीसाइल अधिकार दे सकता है।
अनुच्छेद 370 और 35-ए खत्म कर जम्मू-कश्मीर का हुआ पुनर्गठन
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35-ए को खत्म कर दिया था और जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन कर इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तब्दील कर दिया था।
जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेष अधिकार दिए जाने की मांग
इसके बाद से ही जम्मू-कश्मीर के लोगों को कुछ विशेष अधिकार दिए जाने की चर्चा हो रही थी। यहां के युवाओं और क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने बेरोजगारी की बढ़ती दर को देखते हुए नौकरियों में प्राथमिकता जम्मू-कश्मीर के युवाओं को ही देने की मांग की थी। यही नहीं, यहां पर जमीनों की खरीदारी के अधिकार भी स्थानीय लोगों के पास रखने की मांग हो रही है।
2023 तक रेल मार्ग से पूरा देश, कश्मीर से जुड़ जाएगा: रेलमंत्री
रेलमंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि साल 2023 तक रेल मार्ग से पूरा देश, कश्मीर से जुड़ जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को रेलवे की महत्वाकांक्षी परियोजना जम्मू-बारामूला को तीन वर्ष में पूरा करने के निर्देश दिए हैं। गोयल ने निर्माणाधीन कटड़ा-बनिहाल खंड के निर्माण में तेजी लाने को कहा।
रेलमंत्री गोयल जम्मू के एक दिवसीय दौरे पर
रविवार को जम्मू के एक दिवसीय दौरे पर आए रेलमंत्री गोयल सुबह करीब 10 बजे विशेष हेलीकॉप्टर से अर्धकुंवारी पहुंचे। वहां से बैटरी कार से भवन पहुंचे और भवन में मां वैष्णो देवी की पिंडियों के दर्शन कर करीब डेढ़ बजे वापस कटड़ा पहुंचे। जम्मू में आकर उन्होंने प्रशासनिक और रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की।
कटड़ा बनिहाल खंड में दुनिया का सबसे लंबा रेल पुल
उन्होंने कहा कि जम्मू बारामूला रेल परियोजना का कटड़ा-बनिहाल खंड देश के इंजीनियरिंग इतिहास में बेशक सबसे कठिन माना जाता है, लेकिन देश के इंजीनियरों में इतनी क्षमता है कि वे इस निर्माण कार्य को शीघ्र पूरा कर देशवासियों को सौंपेंगे। कटड़ा बनिहाल खंड में दुनिया का सबसे लंबा रेल पुल है।