यदि अापको है इन प्रश्नों की जानकारी, तो अाप भी बन सकते हैं कांग्रेस के प्रवक्ता
मध्यप्रदेश में संभाग, जिला और ब्लॉक प्रवक्ताओं के पद के लिए कांग्रेस ने लिया इंटरव्यू। मोदी सरकार के घोटाले और कांग्रेस की उपलब्धियों पर पूछे सवाल।
भोपाल (नईदुनिया)। मोदी सरकार के पांच घोटाले कौन-कौन से हैं? मध्यप्रदेश सरकार की तीन विफलताएं बताएं एवं पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की उपलब्धियां गिनाएं? राहुल गांधी और कांग्रेस के बारे में कितना जानते हैं? ये सवाल कांग्रेस के संभाग, जिला और ब्लॉक प्रवक्ता बनने पहुंचे आवेदकों से इंटरव्यू में पूछे गए। गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय (पीसीसी) में प्रदेशभर के करीब एक हजार लोग कतार में लगे रहे। विधानसभा चुनाव नजदीक आते देख कांग्रेस मैदानी फौज को सहेजने व सशक्त बनाने में जुट गई है। राज्य स्तरीय प्रतिभा खोज अभियान (टैलेंट सर्च) के तहत करीब एक हजार लोग जिलों में प्रवक्ता, सह प्रवक्ता व पेनलिस्ट के पद पाने की कवायद करते रहे। इनकी चहल-पहल से वर्षों बाद पीसीसी में रौनक नजर आई। अलग-अलग कमरों में इंटरव्यू का सिलसिला दिनभर चलता रहा। प्रदेश संगठन प्रभारी दीपक बाबरिया, अध्यक्ष अरण यादव एवं नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह आपस में विचार-विमर्श करते रहे। उनसे मिलने बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी पहुंचे थे।
ये युवा हमारी ताकत बनेंगे
मध्यप्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा, टैलेंट सर्च में एक हजार से अधिक लोग इंटरव्यू देने पहुंचे। इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जिन्होंने पहली बार पीसीसी में प्रवेश किया। इनमें से 750 लोगों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। ये सभी पार्टी की ताकत बनेंगे।
सीधी बात: (दीपक बाबरिया, प्रदेश प्रभारी महासचिव)
# कांग्रेस राजनीतिक दल में 'टैलेंट सर्च'? इसके पीछे क्या सोच है?
- हम यह सफल प्रयोग राजस्थान में कर चुके हैं। इससे संगठन को नई ऊर्जा और ताकत मिलेगी।
# एक हजार लोगों को प्रवक्ता कैसे बनाएंगे?
- संभाग, जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रवक्ता, सह प्रवक्ता, मीडिया पैनलिस्ट तैनात करेंगे। संगठन के दूसरे काम भी सौंपेंगे।
# परंपरावादी राजनीतिक दल में अचानक यह बदलाव?
- हां यह सही है कि संगठन अभी तक इतना ओपन नहीं था। हम इन युवाओं की ऊर्जा को 'मॉस मूवमेंट' बना देंगे।
# पार्टी में गुटबाजी और बिखराव के रहते क्या यह संभव है?
- हमारे सभी नेता एकजुट हैं। कोलारस-मुंगावली का उदाहरण देखें।
# आपके कार्यकर्ता, मतदाता या यूं कहें भक्त लोग चेहरे की मांग करते हैं, देते क्यों नहीं?
- ऐसा है कुछ लोगों की श्रद्धा मूर्ति पूजा में है और कई ऐसे भी हैं जो निराकार को मानते हैं।