कोरोना से लड़ने के लिए मोदी सरकार का राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक
कोरोना महामारी से लड़ने की दिशा में भारत सरकार का राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। कोरोना महामारी से लड़ने की दिशा में भारत सरकार का राहत पैकेज दुनिया के सबसे बड़े पैकेज में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि अब तक वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक की ओर से घोषित किए जा चुके पैकेज को मिलाकर सरकार कुल 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देगी। यह देश की जीडीपी के 10 फीसद के बराबर का राहत पैकेज है। अब तक अमेरिका अपनी जीडीपी के 13.3 फीसद और जापान 21.1 फीसद से ज्यादा के पैकेज का एलान कर चुका है।
भारत सरकार पहले ही कर चुकी है कुछ घोषणाएं
भारत सरकार की ओर से घोषित इस पैकेज में गरीबों के लिए अनाज उपलब्ध कराने तथा गरीब महिलाओं व बुजुर्गों को नकद मदद देने के लिए घोषित 1.7 लाख करोड़ रुपये का पैकेज और रिजर्व बैंक की तरफ से की जा चुकी घोषणाएं शामिल हैं। प्रधानमंत्री ने कहा है कि यह आíथक पैकेज देश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा। कोरोना का प्रसार धीमा करने के लिए देश में 25 मार्च से लॉकडाउन चल रहा है। इस कारण से ज्यादातर आíथक गतिविधियों का पहिया रुका हुआ है। फिलहाल कुछ छूट के साथ लॉकडाउन का तीसरा चरण चल रहा है, जो 17 मई को पूरा होगा। पीएम ने इसके बाद भी कुछ अतिरिक्त छूट के साथ लॉकडाउन चलते रहने की बात कही है। ऐसे में यह जरूरी है कि इस संकट से जूझ रही अर्थव्यवस्था को मदद पहुंचाई जाए।
अर्थव्यवस्था को उबारने और मांग बढ़ाने की कोशिश
विभिन्न अनुमान के मुताबिक, मौजूदा हालात में देश की आíथक विकास दर एक फीसद या इससे भी नीचे जा सकती है। कोरोना के कारण बनी परिस्थितियों में बाजार में मांग बुरी तरह से प्रभावित हुई है और 12 करोड़ से ज्यादा लोगों की नौकरी जाने का अनुमान है। ऐसे में सरकार इस पैकेज की मदद से अर्थव्यवस्था को उबारने और मांग बढ़ाने की कोशिश करेगी। पीएम ने जितने बड़े राहत पैकेज का एलान किया है, उससे उद्योग जगत की उम्मीदें पूरी होती दिख रही हैं। अब तक उद्योग जगत की तरफ से 15 लाख करोड़ रुपये तक के राहत पैकेज की मांग की गई है।
जानिए अन्य देशों का हाल
जापान और अमेरिका के बाद स्वीडन ने जीडीपी का 12 फीसद, आस्ट्रेलिया ने जीडीपी का 10.8 फीसद, जर्मनी ने 10.7 फीसद के राहत पैकेज का ऐलान किया है। भारत के बाद फ्रांस 9.3 फीसद, स्पेन 7.3 फीसद, इटली 5.7 फीसद, ब्रिटेन 5 फीसद, चीन 3.8 फीसद, और दक्षिण कोरिया 2.2 फीसद के राहत पैकेज दिया है।