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गरीबों के दरवाजे तक आयुष्मान भारत को पहुंचाने की मोदी सरकार ने की तैयारी

निजी क्षेत्र के अस्पताल आयुष्मान भारत में योगदान के लिए तैयार है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 08:05 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 09:30 PM (IST)
गरीबों के दरवाजे तक आयुष्मान भारत को पहुंचाने की मोदी सरकार ने की तैयारी
गरीबों के दरवाजे तक आयुष्मान भारत को पहुंचाने की मोदी सरकार ने की तैयारी

नीलू रंजन, नई दिल्ली। आयुष्मान भारत लांच करने के बाद अब मोदी सरकार गरीबों को पांच लाख रुपये सालाना मुफ्त इलाज की सुविधा घर के नजदीक उपलब्ध कराने की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए निजी क्षेत्र को छोटे और मझोले शहरों में सुपरस्पेशलियटी अस्पताल खोलने के लिए कई सुविधाएं देने पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल आयुष्मान भारत के तहत भी बड़ी बीमारियों के इलाज के लिए गरीबों को बड़े शहरों में अस्पताल में आना होता है।

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सुपरस्पेशलियटी अस्पताल खोलने के लिए कई सुविधाएं देने पर विचार

स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के अनुसार आयुष्मान के तहत भारत गरीबों को मुफ्त और कैशलेस इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है और डेढ़ महीने से भी कम समय में डेढ़ लाख से अधिक गरीब परिवारों को इस योजना का लाभ मिलना इसकी सफलता को दर्शाता है, लेकिन कई मामलों में गरीबों को इलाज के लिए बिहार और उत्तरप्रदेश के सुदूर इलाके से दिल्ली आना पड़ा है।

इस समस्या से निपटने के लिए निजी क्षेत्र की मदद सेछोटे और मझोले शहरों में सुपरस्पेशलियटी अस्पताल खोला जाएगा। निजी क्षेत्र को इसके लिए सस्ती बिजली, सिंगल विंडो क्लीयरेंस, आसान व सस्ता कर्ज और जमीन उपलब्ध कराया जा सकता है।

दरअसल छोटे और मझोले स्तर के शहरों में सुपरस्पेशलियटी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नीति आयोग में 17 सितंबर को बैठक हुई थी। इस बैठक में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ-साथ निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद थे।

स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बैठक में निजी अस्पतालों ने छोटे और मझोले शहरों में सुपरस्पेशलियटी अस्पताल खोलने के लिए रुचि दिखाई, लेकिन इसके लिए कई सुविधाओं की मांग की। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार की कोशिश देश में मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं को तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य है और इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी जरुरी है।

निजी अस्पतालों के संगठन एसोसिएशन आफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया के महानिदेशक डा. गिरिधर ज्ञानी ने कहा कि निजी क्षेत्र आयुष्मान भारत में योगदान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करता है, तो 130 करोड़ लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान होगा।

वैसे अभी तक 14 हजार से अधिक निजी अस्पताल आयुष्मान भारत से जुड़ चुके है या फिर जुड़ने की प्रक्रिया में है। जबकि 52 हजार से अधिक निजी अस्पतालों ने इसके लिए आवेदन किया है।

'स्वास्थ्य सेवाओं को गरीबों के द्वार तक पहुंचाने के लिए पीएमजेएवाई के माध्यम से टीयर-2 और टीयर-3 शहरों में नए अस्पतालों को खोलने पर बल दिया जा रहा है-जेपी नड्डा, स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री।' 


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