चार सालों में मोदी सरकार ने बदल दी तस्वीर, रखी हर घर को 24 घंटे बिजली देने की मजबूत नींव
हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए लागू की गई सौभाग्य योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2019 तक का लक्ष्य तय किया था। लेकिन बिजली मंत्री आरके सिंह को भरोसा है कि दिसंबर, 2018 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चार वर्ष पहले देश के हर घर को चौबीसों घंटे बिजली देना एक कोरी कल्पना लगता था लेकिन राजग सरकार के चार वर्षो के दौरान तस्वीर बदल चुकी है। देश अपने बूते इतना बिजली पैदा करने लगा है कि हर घर को चौबीसों घंटे बिजली दी जा सकती है।
सरकारी आंकड़े गवाह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में विद्युतीकरण से लेकर सौर ऊर्जा तक के क्षेत्र में देश ने बेहद उल्लेखनीय प्रगति हासिल की है। सबसे अहम बात यह है कि देश के बिजली क्षेत्र में जो सुधार हुए हैं उससे बिजली की दरों में कोई बहुत ज्यादा वृद्धि नहीं हुई है। ट्रांसमिशन और वितरण से होने वाली हानि की स्थिति में भी तेजी से सुधार के लक्षण दिखाई देने लगे हैं।
हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए लागू की गई सौभाग्य योजना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अप्रैल 2019 तक का लक्ष्य तय किया था। लेकिन बिजली मंत्री आरके सिंह को भरोसा है कि दिसंबर, 2018 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। केंद्रीय बिजली प्राधिकरण के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014 से वर्ष 2018 के बीच देश में बिजली उत्पादन की क्षमता में एक चौथाई फीसद की वृद्धि हुई है।
असलियत में पहले जितनी बिजली क्षमता एक दशक में बढ़ती थी उतनी अब चार वर्षो में बढ़ी है। वर्ष 2014 के शुरुआत मे देश के तमाम बिजली संयंत्रों की क्षमता 2,43,000 मेगावाट थी जो अब 3,44,000 मेगावाट हो गई है। मई के महीने में बिजली की मांग काफी ज्यादा होती और आम तौर पर इस महीने में मांग और आपूर्ति का अंतर बढ़ जाता है लेकिन मई, 2018 में बिजली की आपूर्ति मांग से महज 1.4 फीसद कम रही है। कुछ वर्ष पहले तक तक यह अंतर दहाई में होता था। लिहाज देश के कई हिस्सों से बड़े पैमाने पर बिजली कटौती की खबरें भी आती थी।
बिजली क्षेत्र में राजग सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाना है। वर्ष 2014 में जब यह सरकार सत्ता में आई थी तब 18,542 गांवों तक बिजली नहीं पहुंची थी। यह काम पूरा हो चुका है। हालांकि पूर्व की सरकारों ने दावा किया था कि देश के छह लाख गांवों में से 5.80 लाख गांवों में बिजली पहुंच चुकी है। लेकिन पिछले चार वर्षो में यह पाया गया कि तकरीबन 90 हजार गांव ऐसे थे जहां सिर्फ कागजों में बिजली पहुंची थी। इस तरह से विगत चार वर्षो में 1.18 लाख गांवों तक बिजली पहुंचाई गई है। लेकिन आने वाले दिनों में 3.14 करोड़ घरों को बिजली कनेक्शन देने के काम पर और जोर लगाना होगा।
इसके अलावा बिजली क्षेत्र में वितरण व ट्रांसमिशन से होने वाली हानि को मौजूदा 22 फीसद से घटा कर मार्च, 2019 में 15 फीसद करना भी सरकार के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित होगा। सरकार की तरफ से बिजली क्षेत्र में लागू टैरिफ नीति में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है जिससे 15 फीसद से ज्यादा टी एंड डी हानि का बोझ बिजली वितरण कंपनियों को ही उठाना होगा। इस हफ्ते ही देश में बिजली की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की गई है और उसमें पाया गया कि काम संतोषप्रद तरीके से चल रहा है।