सरकार की सौगातः अब नए कमर्शियल वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं
सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन का प्रस्ताव किया है। नए नियम एक माह बाद लागू हो सकते हैं।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। नए कमर्शियल वाहनों के लिए अब फिटनेस सर्टिफिकेट की कोई जरूरत नहीं होगी। जबकि नेशनल परमिट वाले कमर्शियल वाहनों को फास्टैग के साथ वेहिकल ट्रैकिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। इस संबंध में सरकार ने केंद्रीय मोटर वाहन नियमों में संशोधन का प्रस्ताव किया है। नए नियम एक माह बाद लागू हो सकते हैं।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 12 जुलाई को जारी मसौदा अधिसूचना के अनुसार नेशनल परमिट वाले वाहनों को बड़े अक्षरों में आगे और पीछे नेशनल परमिट अथवा एन/पी लिखना जरूरी होगा। ट्रेलर के मामले में एनपी शब्द वाहन के पीछे तथा बाई ओर लिखना होगा। खतरनाक सामान ढोने वाले टैंकरों की बॉडी को सफेद रंग के साथ दोनों तरफ निर्धारित श्रेणी का लेबल प्रदर्शित करना होगा। इन वाहनों के आगे पीछे रिफ्लेक्टिव टेप लगाना भी आवश्यक होगा।
प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार नए फुल्ली बिल्ट नए ट्रांसपोर्ट वाहनों को रजिस्ट्रेशन के वक्त फिटनेस सर्टिफिकेट लेना अब जरूरी नहीं होगा। इन्हें दो वर्ष तक फिट माना जाएगा। यही नहीं, दो वर्ष बाद हर दो वर्ष पर ही फिटनेस सर्टिफिकेट लेने की आवश्यकता होगी। आठ वर्ष तक पुराने वाहनों पर यह नियम लागू होगा। आठ वर्ष बाद हर साल फिटनेस सर्टिफिकेट की जरूरत होगी।
एक अन्य संशोधन के तहत ड्राइविंग लाइसेंस तथा नियंत्रित प्रदूषण प्रमाणपत्र (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट-पीयूसी) कागज तथा डिजिटल दोनो रूप में दिखाए जा सकेंगे।
सामान ढोने वाले सभी गुड्स कैरिज वाहनों को बंद बॉडी या कंटेनर में ही सामान ढोने की इजाजत होगी। यदि खुले में सामान ढोना जरूरी हो तो सामान को तिरपाल आदि से ढकना जरूरी होगा। केवल व्यक्तिगत प्रकृति के उन्हीं सामान को, जिन्हें बंद बॉडी में ले जाना संभव न हो, खुले में ले जाने की अनुमति होगी।