गरीबों और मध्य वर्ग को मोदी सरकार देगी और राहत, रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दिया संकेत
लोक सभा ने ध्वनिमत से वित्त विधेयक पारित कर दिया। गोयल ने कहा कि उन्होंने वित्त विधेयक 2019 के माध्यम से टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने गरीबों और मध्य वर्ग को राहत देने के इरादे से अंतरिम बजट में आयकर के संबंध में छूट दी है। साढ़े नौ लाख रुपये तक आय वाले व्यक्ति बेहतर बचत व निवेश प्रबंधन के जरिए टैक्स देने से बच सकते हैं। मोदी सरकार ने यह संकेत भी दिया है कि अगर वह दुबारा चुनकर सत्ता में वापस आई तो वित्त वर्ष 2019-20 के नियमित बजट में करदाताओं को और राहत मिल सकती है।
लोक सभा ने ध्वनिमत से वित्त विधेयक पारित कर दिया। पीयूष गोयल ने कहा कि उन्होंने वित्त विधेयक 2019 के माध्यम से टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। बस कुछ छूट दी है ताकि अर्थव्यवस्था में व्यय को बढ़ाया जा सके। फिलहाल सरकार ने छोटे करदाताओं को सहूलियतें दी हैं। चूंकि यह अंतरिम बजट था, इसलिए सरकार ज्यादा टैक्स प्रस्ताव लेकर नहीं आई है। उन्होंने कहा- हम जुलाई में लाएंगे, उसके बाद देश में और उत्साह आएगा। भाजपा की ओर से सदस्यों ने मेज थपथपाकर इसका स्वागत किया।
गोयल ने कहा कि फिलहाल सरकार ने अंतरिम बजट में जो राहत दी है उससे सालाना 9 से 9.5 लाख रुपये कमाने वाला व्यक्ति भी बेहतर आय व निवेश प्रबंधन करके टैक्स देने से बच सकता है। गोयल ने कहा कि छोटे करदाताओं को सरकार ने अंतरिम बजट में यह छूट इसलिए दी है ताकि वे अगला वित्त वर्ष शुरु होने से पहले ही अपना वित्तीय प्रबंधन कर सकें ताकि उनकी आय से टीडीएस न कटे। अगर टीडीएस कटता तो उन्हें रिटर्न भरकर वापस लेना पड़ता।
उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस चाहती है कि कामगार दुखी के दुखी रहें। गोयल ने कहा कि पूर्ववर्ती यूपीए सरकार की तरह मोदी सरकार ने गरीबों के इस्तेमाल की एसयूवी पर टैक्स नहीं घटाया है।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने वित्त विधेयक 2019 के माध्यम से आयकर में रिबेट की सीमा 2500 रुपये से बढ़ाकर 12500 रुपये कर दी है। हालांकि इसका लाभ उन्हीं लोगों को मिलेगा जिनकी करयोग्य आय पांच लाख रुपये तक है। इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा भी 40,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दी है।
उन्होंने पीएम-किसान योजना की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि इस योजना के तहत दस साल में किसानों को साढ़े सात लाख रुपये मिलने का अनुमान है। उन्होंने विपक्ष के इस आरोप को भी खारिज किया कि अंतरिम बजट में मोदी सरकार के टैक्स प्रस्ताव अतिआशावादी हैं।
कालेधन पर रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की सदस्यों की मांग के जवाब में गोयल ने कहा कि सरकार इन रिपोर्ट को लोक सभा सचिवालय को सौंप चुकी है। इन्हें सार्वजनिक करने के बारे में विचार अगले कार्यकाल में किया जाएगा।
इससे पूर्व चर्चा में भाग लेते हुए विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर निशाना साधते हुए पूछा कि अच्छे दिन कहां हैं। हालांकि सत्तापक्ष के सदस्यों ने इस आरोप को खारिज किया।
कांग्रेस नेता के सी वेणुगोपाल ने चर्चा की शुरुआत करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने बीते साढ़े चार साल में कुछ नहीं किया है और अब यह वादे कर रही है। उन्होंने एनडीए द्वारा सत्ता में आने से पूर्व किए गए वादों के बारे में पूछते हुए कहा कि अच्छे दिन कहां हैं।
उन्होंने गोयल पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि राज्य सभा के सदस्यों को जमीनी स्थिति, खासकर किसानों के हाल के बारे में पता नहीं है।