जीएसटी की पहली सालगिरह पर सरकार मना रही 'GST दिवस'; तो कांग्रेस कर रही विरोध
देश में वस्तु एवं सेवा कर लागू होने की पहली वर्षगांठ पर आज सरकार 'जीएसटी दिवस' मना रही है। पीयूष गोयल ने कहा, देश की युवा पीढ़ी ने काफी सकारात्मक तरीक से जीएसटी को अपनाया।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश में वस्तु एवं सेवा कर लागू होने की पहली वर्षगांठ पर आज सरकार 'जीएसटी दिवस' मना रही है। जीएसटी की सालगिराह के मौके पर दिल्ली में कार्यक्रम आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी के एक साल के सफर पर तैयार की गई फिल्म 'वन ईयर ऑफ जीएसटी' से की। इस फिल्म में दिखाया गया कि कैसे एक जुलाई की मध्यरात्रि को संसद के सेंट्रल हॉल से देश के इस सबसे अहम टैक्स सुधार कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसमें दर्शाया गया कि किस तरह बीते एक साल के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने मिलकर पूरे देश में इस व्यवस्था को लागू करने के लिए काम किया।
क्या बोले अरुण जेटली
इस अवसर पर अरुण जेटली ने जीएसटी लागू होने के एक साल के अंदर क्या बदलाव आए, उसका जिक्र किया। उन्होंने कहा, 'एक साल पहले तक देश में बहुत जटिल टैक्स व्यवस्था मौजूद थी। कई स्तर पर कई दर पर कारोबारी और उपभोक्ताओं को टैक्स देना पड़ता था। देश के अलग-अलग हिस्सों में विभन्न कीमतों पर सामान बिकता था। लेकिन मोदी सरकार ने इस व्यवस्था को खत्म कर देश में सरल टैक्स व्यवस्था को चुना। मोदी सरकार ने जीएसटी को लागू करने के लिए राज्यों को मनाया। उन्होंने कहा, 'पिछले साल नोटबंदी, कालेधन को लेकर उठाए गए कदमों की वजह से जीएसटी का असर अर्थव्यवस्था पर ज्यादा नहीं दिखा, लेकिन इस साल के पहले क्वॉर्टर में इसका असर दिखना शुरू हुआ।' बता दें कि जीएसटी की वर्षगांठ के मौके पर जेटली ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये लोगों को संबोधित किया था।
क्या बोले पीयूष गोयल
वहीं, जीएसटी से लाभ का जिक्र करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जीएसटी से देश की अर्थव्यवस्था को लंबे समय के लिए फायदा होगा। मैं सभी राजनीतिक पार्टियों और उनके नेताओं को सहयोग के लिए धन्यवाद देता हूं। पीयूष गोयल ने कहा कि बीते एक साल से जीएसटी देश में कोऑपरेटिव फेडरलिज्म का सबसे बड़ा उदाहरण है। जीएसटी ने पूरे देश में जीएसटी को उसी तरह से पिरोने का काम किया है जैसे पूर्व में छोटे-छोटे योदगान के साथ रामसेतु बनाने का काम किया गया था। उन्होंने कहा कि देश की युवा पीढ़ी ने काफी सकारात्मक तरीक से जीएसटी को अपनाया। बता दें कि अरुण जेटली का तबियत खराब होने की वजह से पीयूष गोयल वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त कामकाज देख रहे हैं।
इस अवसर पर वित्त सचिव हसमुख अधिया ने कहा, ' यह देखना दिलचस्प था कि राज्यों ने पार्टी लाइन से हटकर जीएसटी काउंसिल की 27 बैठकों में कैसे अपने हितों की रक्षा की। 31 राज्यों ने डेढ़ महीने के रिकॉर्ड टाइम में जीएसटी बिल पास किया।' उन्होंने बताया कि जून का जीएसटी कलेक्शन 95,610 करोड़ रुपये रहा है।
जीएसटी का एक साल पूरा, कांग्रेस ने सरकार को घेरा
हालांकि एक ओर जहां जीएसटी के एक साल पूरा होने पर जश्न मनाया जा रहा है। तो वहीं, दूसरे ओर कांग्रेस जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार पर निशाना साध रही है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, 'सरकार ने बुरी चीजों को बड़े पैमाने पर (नोटबंदी) और बड़ी चीजों को बुरे तरीके से (जीएसटी) अंजाम दिया। जीएसटी का डिजाइन, स्ट्रक्चर, इन्फ्रास्ट्रक्चर, रेट और इसे लागू करने का तरीका ऐसा था कि बिजनेस करने वाले, ट्रेडर्स और आम लोगों के लिए जीएसटी एक बुरा शब्द बन गया।'
जीएसटी में दर्जनों कर समाहित
जीएसटी में करीब एक दर्जन करों को समाहित किया गया है। केंद्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, राज्यों में लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) और कई स्थानीय शुल्कों को जीएसटी में समाहित किया गया, जिसके बाद देश में 'एक देश, एक कर' की यह नई प्रणाली लागू हुई।
मिल सकती है बड़ी राहत
इस बीच माना जा रहा है कि सीमेंट, डिजिटल कैमरा और पेंट्स पर जीएसटी की वर्तमान दर 28 फीसद को कम किया जा सकता है। सरकार अधिकांश वस्तुओं को 18 और 12 फीसद के स्लैब में रखना चाहती है। इसीलिए इस दिशा में कदम उठाया जा सकता है। वहीं, सिनेमा टिकट पर भी जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाया जा सकता है। हालांकि इस बारे में आधिकारिक तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा गया है।
पिछले साल 1 जुलाई को लागू हुआ GST
गौरतलब है कि कई वर्षों के इंतजार के बाद पिछले साल एक जुलाई को 'एक देश, एक कर' की व्यवस्था देश में लागू हुई। संसद के सेंट्रल हॉल में 30 जून और एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में जीएसटी को देश में लागू किया गया। हालांकि इसे लागू करना सरकार के लिए आसान नहीं था।
राज्यों की नाराजगी और विपक्षी दलों के विरोध का सामना करने के बाद सभी को साधते हुए इसे लागू किया गया। उस समय 66.17 लाख व्यापारियों ने जीएसटी में माइग्रेशन किया था। सीबीआइसी के मुताबिक एक जून 2018 को जीएसटी में पंजीकृत कारोबारियों की संख्या 1.12 करोड़ हो गयी है। इस तरह एक साल के भीतर ही लगभग 54 लाख नए पंजीकरण जीएसटी में हुए हैं।