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लोकलुभावन कार्यक्रमों के बजट में कटौती से परहेज कर सकती है मोदी सरकार

वित्त मंत्री अरुण जेटली फरवरी में अगले वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करेंगे। हालांकि यह बजट अंतरिम होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 06:02 PM (IST)Updated: Thu, 18 Oct 2018 01:23 AM (IST)
लोकलुभावन कार्यक्रमों के बजट में कटौती से परहेज कर सकती है मोदी सरकार
लोकलुभावन कार्यक्रमों के बजट में कटौती से परहेज कर सकती है मोदी सरकार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आम चुनाव 2019 से पहले सरकार उन मंत्रालयों के बजट में कटौती से परहेज कर सकती है जो लोकलुभावन कार्यक्रम चलाते हैं। वित्त वर्ष 2018-19 के संशोधित बजट अनुमानों में फ्लैगशिप चलाने वाले मंत्रालयों के बजट में कटौती के बजाय कुछ इजाफा भी किया जा सकता है।

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सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय के आर्थिक कार्य विभाग की बजट डिवीजन ने विभिन्न मंत्रालयों के साथ चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमानों तथा वित्त वर्ष 2019-20 के बजट के संबंध में परामर्श शुरु कर दिया है। अलग-अलग मंत्रालयों के परामर्श का यह दौर 16 नवंबर तक चलेगा। सबसे अंत में रेल मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय के बजट अनुमानों पर चर्चा की जाएगी।

सूत्रों ने कहा कि सौभाग्य योजना, मनरेगा, आयुष्मान भारत और पोषण कार्यक्रम जैसे लोकलुभावन कार्यक्रम चलाने वाले मंत्रालयों के बजट को संशोधित अनुमानों में यथावत रखा जा सकता है। साथ ही ऐसे कार्यक्रमों को जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त धनराशि भी मुहैया करायी जा सकती है। हालांकि जो मंत्रालय धनराशि खर्च करने में अब तक सुस्त हैं उनके चालू वित्त वर्ष के संशोधित बजट अनुमान में आवंटन राशि को कम भी किया जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि अगले साल आम चुनाव से पहले सरकार अर्थव्यवस्था में मांग बढ़ाने के लिए व्यय में कटौती से परहेज करेगी। इसलिए लोकलुभावन कार्यक्रमों के लिए बजट में आवंटित पूरी राशि को खर्च करने पर जोर दिया जाएगा। वैसे चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अगस्त के दौरान शुरुआती पांच महीने में बजट की राशि खर्च करने की रफ्तार पिछले साल की तरह है।

शुरुआती पांच महीनों में चालू वित्त वर्ष में सरकार ने बजट की लगभग 44 प्रतिशत राशि खर्च की है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में भी यही आंकड़ा था।

उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली फरवरी में अगले वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करेंगे। हालांकि यह बजट अंतरिम होगा क्योंकि मौजूदा सरकार के पास जनादेश सिर्फ मई तक का है। इसलिए जो भी नई सरकार आएगी वह पूर्ण बजट अगले साल आम चुनाव होने के बाद जुलाई में पेश करेगी।


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