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मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत: लोकसभा चुनाव के पूर्व जेल में हो सकता है विजय माल्या

नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का अनुरोध ब्रिटिश सरकार को भेज दिया गया है।मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ सरकार के साथ बातचीत चल रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 08:45 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 08:45 PM (IST)
मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत: लोकसभा चुनाव के पूर्व जेल में हो सकता है विजय माल्या
मोदी सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत: लोकसभा चुनाव के पूर्व जेल में हो सकता है विजय माल्या

नीलू रंजन, नई दिल्ली। ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल के दुबई से सफल प्रत्यर्पण के एक हफ्ते के भीतर भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण का भी रास्ता हो गया है। लंदन की स्थानीय अदालत ने 9000 करोड़ रुपये के घोटाले के आरोपी माल्या के प्रत्यर्पण का फैसला किया है। वैसे विजय माल्या के पास इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील का अधिकार है। माना जा रहा है कि सारे कानूनी अवसर खत्म होने के बाद लोकसभा चुनाव के पहले माल्या भारत की जेल में होगा। लगातार दो बड़े आर्थिक अपराधियों का प्रत्यर्पण भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है।

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दो बड़े आर्थिक भगोड़े का प्रत्यर्पण भारत सरकार की बड़ी कूटनीतिक जीत

दरअसल, विजय माल्या को इस साल जून में अहसास हो गया था कि उसके खिलाफ मौजूद दस्तावेजी सबूतों के बाद भारत में प्रत्यर्पण से बचना मुश्किल होगा। दूसरी ओर, इसी साल अप्रैल में पास किये गए आर्थिक भगोड़ा अपराधी कानून के तहत ईडी ने जून में ही विजय माल्या की 13500 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके बाद चौतरफा कानूनी शिकंजे में घिरे विजय माल्या ने 22 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट में बैंकों का सारा कर्ज लौटाने की अर्जी लगाई थी। यही नहीं, विजय माल्या ने भारत भागने के पहले वित्तमंत्री अरुण जेटली के साथ मुलाकात का बयान देकर भी राजनीतिक विवाद खड़ा करने की कोशिश की। लेकिन उसकी सारी चाल धराशायी हो गई।

पूर्व एटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी के अनुसार निचली अदालत के फैसले के खिलाफ विजय माल्या को हाईकोर्ट में अपील करने का अधिकार है। लेकिन यह अपील 14 दिनों के भीतर करनी होगी। हाईकोर्ट के फैसले के बाद माल्या के अपील का अधिकार भी खत्म हो जाएगा। उसे वह केवल तकनीकी आधार पर ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकता है, लेकिन ब्रिटिश सुप्रीम कोर्ट में अपील पर सुनवाई की संभावना बहुत कम है।

दूसरी ओर लंदन के हाईकोर्ट में माल्या की अपील का निपटारा जल्द होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि अपील का अधिकार खत्म होने और प्रत्यपर्ण के लिए जरूरी प्रक्रिया मार्च के पहले पूरी हो जाएगी। यानी लोकसभा चुनाव के विजय माल्या भारत लाया जा सकता है। जहां उसे 9000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के आरोपों में अदालती कार्रवाई का सामना करना होगा।

विजय माल्या के कर्ज के सारे पैसे वापस करने के आफर के बारे में पूछे जाने पर सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बीच-बीच में विजय माल्या ऐसे आफर कर बैंकों और जांच एजेंसियों को बरगलाने की कोशिश करता रहा है। यही नहीं, ब्रिटेन भागने के बाद उसने न तो जांच एजेंसियों के समन का जवाब दिया और न ही अदालत के आदेशों का सम्मान किया।

यही कारण है कि अदालत को उसे भगोड़ा घोषित करना पड़ा। इसका पासपोर्ट भी निरस्त किया जा चुका है। यहां तक कि इंटरपोल ने भी उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी की। अब विजय माल्या के पास अपने अपराध के लिए अदालती कार्रवाई का सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। वैसे भी उसकी 13500 करोड़ रुपये की जब्त संपत्ति से बैंकों का फंसा कर्ज आसानी से चुकाया जा सकता है।

अब नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की बारी

क्रिश्चियन मिशेल और विजय माल्या के प्रत्यर्पण की जंग जीतने के बाद जांच एजेंसियों को नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण की उम्मीद बढ़ गई है। लंदन में रह रहे नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का औपचारिक अनुरोध ब्रिटिश सरकार को भेज दिया गया है और माना जा रहा है कि जल्द ही इस पर अदालती कार्रवाई भी शुरू हो जाएगी। मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के लिए एंटीगुआ सरकार के साथ बातचीत चल रही है।

नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के प्रत्यर्पण के मामले को देख रहे ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एंटीगुआ सरकार का रवैया काफी सहयोगी दिख रहा है और दोनों देशों के बीच बातचीत भी अंतिम चरण है। उन्होंने उम्मीद जताई कि चोकसी के खिलाफ भी एंटीगुआ में प्रत्यर्पण के लिए अदालती कार्रवाई शुरू हो जाएगी।


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