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मोदी सरकार ने यमुना को निर्मल बनाने के लिए 1,387 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी

ये परियोजनाएं सीवरेज व बुनियादी ढांचा से संबंधित होंगी। इन परियोजनाओं के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण और ऑनलाइन निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएंगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 09:21 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 09:21 PM (IST)
मोदी सरकार ने यमुना को निर्मल बनाने के लिए 1,387 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी
मोदी सरकार ने यमुना को निर्मल बनाने के लिए 1,387 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने नमामि गंगे योजना के तहत यमुना को निर्मल बनाने के लिए 1,387 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी हैं। ये परियोजनाएं यमुना को दूषित करने वाले शहरों फिरोजाबाद, आगरा, इटावा, बागपत और मेरठ में बनेंगी ताकि इन शहरों से नदी में गिरने वाली गंदगी को रोका जा सके। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) की कार्यकारी समिति ने इन परियोजनाओं को मंजूरी दी है।

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ये परियोजनाएं सीवरेज व बुनियादी ढांचा से संबंधित होंगी। इन परियोजनाओं के तहत सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण और ऑनलाइन निगरानी प्रणाली स्थापित की जाएंगी।

फिरोजाबाद, आगरा, इटावा, बागपत और मेरठ में लगेंगी ये परियोजनाएं

एनएमसीजी के मुताबिक इटावा में 140.6 करोड़ रुपये की लागत से टिक्सी नाले की सफाई, मौजूदा एसटीपी में सुधार, 2.1 करोड़ लीटर की दैनिक सीवेज ट्रीटमेंट क्षमता वाला नया एसटीपी और 3 एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी प्रणाली शामिल हैं।

इसी तरह फिरोजाबाद के लिए 51.08 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। वहीं बागपत के लिए 77.36 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इनमें 1.4 करोड़ लीटर की दैनिक क्षमता वाले सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण करना भी शामिल है।

इसी तरह मेरठ के लिए भी सीवरेज से जुड़े बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 681.78 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है। इसके अलावा आगरा के लिए 317.2 करोड़ रुपये की लागत वाली सीवरेज बुनियादी ढांचागत परियोजनाओं को मंजूरी दी गयी है।

इन परियोजनाओं में 6 एसटीपी की ऑनलाइन निगरानी, 15 मौजूदा सीवेज पम्पिंग केंद्रों का ऑटोमेशन, सीवेज पम्पिंग केंद्रों में सुधार और 29 नाला निकासी का रखरखाव करना शामिल हैं। इसके अलावा चुनार के लिए 2.70 करोड़ रुपये की लागत वाली परियोजना को मंजूरी दी गयी है।


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