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गौ-तस्‍करी के नाम पर आखिर कब तक यूं ही ली जाती रहेगी लोगों की जान

राजस्थान के अलवर जिले में गौ तस्करी के कथित आरोप में एक शख्स की पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मामले की जांच शुरू कर दी गई है

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 12:01 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 12:26 PM (IST)
गौ-तस्‍करी के नाम पर आखिर कब तक यूं ही ली जाती रहेगी लोगों की जान
गौ-तस्‍करी के नाम पर आखिर कब तक यूं ही ली जाती रहेगी लोगों की जान

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। राजस्‍थान का अलवर एक बार फिर गौ-तस्‍करी के शक में पीट-पीटकर की गई हत्‍या के बाद से सुखिर्यों में है। इससे पहले भी अलवर इसी करतूत के लिए पिछले वर्ष इन्‍हीं दिनों में सुर्खियों में आया था और इसकी वजह बनी थी पहलू खान की हत्‍या। पहलू की हत्‍या भी गौ-तस्‍करी के शक में ही की गई थी और आज अकबर खान इस मॉब लिंचिग का शिकार बना है। मॉब लिंचिंग को लेकर कुछ ही दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी और केंद्र और राज्‍य सरकारों को इसके लिए दिशा-निर्देश जारी करने को कहा था। आपको बता दें कि पहलू खान से लेकर अकबर खान तक कई लोग इस मॉब लिंचिंग का शिकार बन चुके हैं। इस बीच एक बड़ा सवाल ये भी है कि इस तरह से कब तक लोगों की जान जाती रहेगी। फिलहाल इसका किसी के पास कोई जवाब नहीं है।

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अकबर खान
राजस्थान के अलवर जिले से लिंचिंग की एक और घटना सामने आई है। 28 वर्षीय युवक की कुछ लोगों के समूह ने गौ तस्करी के संदेह में पीट-पीट कर मार डाला। घटना राजस्थान के अलवर जिले की है। हरियाणा के कोलगांव का निवासी अकबर खान और उसका एक अन्य साथी अपने साथ दो गाय शुक्रवार की रात अलवर दिले में लालवंडी गांव के पास के जंगलों से लेकर जा रहे थे। कुछ लोगों की नजर उन पर पड़ी, जिसके बाद अकबर को उन्होंने पीट-पीट कर मार डाला। पुलिस ने बताया कि आईपीसी की धारा 302 के तहत कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

राजस्थान में पहलू खां की मौत का मामला
1 अप्रैल 2017 को जयपुर नगर निगम से गायें खरीदकर हरियाणा के नूंह ले जाते समय बहरोड़ में कथित गौ-रक्षकों ने पहलू खां और उसके साथियों के ट्रक रूकवाए थे। गायों की तस्करी की आशंका के चलते इनके साथ मारपीट की गई,इस दौरान गंभीर रूप से घायल हुए पहलू खां की इलाज के दौरान 3 अप्रेल को अस्पताल मे मौत हो गई थी। मामले की जांच को लेकर मेव समाज ने जयपुर में विधानसभा के बाहर धरना दिया था,वहीं संसद में भी यह मामला उठा था। दबाव बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इस मामले की सीआईडी सीबी से जांच कराई थी। इससे पहले इस मामले में नामजद 6 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी दिए थी। जिसके बाद यह मामला फिर से गरमा गया था।

19 जून 2018: यूपी के हापुड़ जिले में गौकशी में लिप्त होने की शक्ल में एक व्यक्ति की हत्या कर दी गई।

बंगाल में मवेशी तस्कर होने के संदेह पर दो युवकों की पीट-पीटकर हत्या
13 जून 2018: पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में मवेशी तस्कर होने के संदेह में वाहन सवार दो युवकों को ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला। घटना धुपगुड़ी ब्लॉक के बारोहालिया गांव में हुई थी। रात करीब डेढ़ बजे गांव जानेवाली सड़क से वाहन के गुजरने पर गांव के लोग मवेशी चोर होने के संदेह पर इकट्ठा हो गए। उसके बाद एक और वाहन को तेजी से आते देख ग्रामीणों ने सड़क पर पत्थर डालकर रास्ता अवरुद्ध कर दिया। वाहन रुकते ही चालक सहित तीन लोग वाहन छोड़कर भागने लगे। ग्रामीणों ने घेराबंदी कर तीन में दो लोगों को पकड़ लिया। गाड़ी में सात मवेशियों को देखकर ग्रामीणों का शक यकीन में बदल गया। ग्रामीणों ने दोनों युवकों को पीट-पीट कर मरणासन्न कर दिया। सूचना पाकर धुपगुड़ी थाने की पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और दोनों को धुपगुड़ी अस्पताल ले गई, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

असम में दो संदिग्ध पशु तस्करों की भीड़ ने की हत्या
30 अप्रैल 2017: असम में भीड़ ने दो संदिग्ध पशु तस्करों की गुरुवार को पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना नागांव इलाके की है। आला पुलिस अधिकारियों की मानें तो 20-25 साल के दो लोगों को भीड़ ने इतना पीटा कि उनकी मौत हो गई। लोगों का आरोप है कि वे गाय चोरी करके ले जा रहे थे।

19 अक्टूबर, 2015: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर ज़िले के नहान में गाय की तस्करी के शक में एक शख़्स की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में एक आरोपी को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 जुलाई को गौरक्षा के नाम पर होने वाली हिंसा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई पूरी करते हुए अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं। कोर्ट ने मॉब लिंचिंग और गौरक्षा के नाम पर होने वाली हत्याओं को लेकर कहा है कि कोई भी नागरिक कानून अपने हाथ में नहीं ले सकता।

डर और अराजकता की स्थिति में राज्य सरकारें सकरात्मक रूप से काम करें। भीड़ की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों से 4 हफ्ते में कड़े दिशानिर्देश लागू करने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि शांति व्यवस्था और बहुलतावादी समाज को बनाए रखना राज्यों की ज़िम्मेदारी है। सुप्रीम कोर्ट ने संसद से कहा कि इन घटनाओं को रोकने के लिए अगर कोई नया कानून बनाने की जरूरत है, तो बनाया जाए। बता दें कि मॉब लिंचिंग पर अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी। 


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