अलागिरी ने दिए सियासी वापसी के संकेत, डीएमके पर लगाया करुणानिधि को भूलने का आरोप
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमके अलगिरी स्टालिन के बड़े भाई हैं जो डीएमके के अध्यक्ष हैं। उनके और स्टालिन के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई को लेकर 2014 में उनके पिता एम करुणानिधि ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। फिलहाल एक बार फिर उनके सियासी वापसी के आसर दिख रहे हैं।
मदुरै (तमिलनाडु), एएनआइ। डीएमके के निष्कासित नेता एमके अलागिरी ने रविवार को मदुरै में एक रोड शो के दौरन पार्टी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनकी पूर्व पार्टी ने उनके साथ विश्वासघात किया है और करुणानिधि को भी भूल गए हैं। इस दौरान उन्होंने सियासी वापसी करने को लेकर संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा, 'आज की बैठक में कई लोगों ने मुझे सुझाव दिया कि मैं एक नई पार्टी शुरू करूं। कुछ लोग कहते हैं कि वे मेरे फैसले को स्वीकार करेंगे। इसको लेकर जल्द ही मैं एक घोषणा करूंगा। अच्छा है या नहीं सभी को इसे स्वीकार करना चाहिए।' अलागिरी तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि बड़े बेटे हैं। उनके और स्टालिन के बीच उत्तराधिकार की लड़ाई को लेकर 2014 में उनके पिता ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
अलागिरी ने आगे कहा, 'जब मैं केंद्रीय मंत्री था, तो करुणानिधि ने मुझे स्टालिन को उप-मुख्यमंत्री बनाने के लिए कहा था और मैं इससे सहमत था। डीएमके में कोई भी यह स्वीकार नहीं करेगा कि करुणानिधि ने स्टालिन को पीछे छोड़ दिया है। डीएमके के बड़े लोगों ने मुझे धोखा दिया है। कोई भी करुणानिधि की तरह नहीं बन सकता है। डीएमके वर्तमान में ऐसे नेता को भूलकर काम कर रही है।'
अलागिरी ने आगे कहा कि डीएमके में उन्होंने स्टालिन को कोषाध्यक्ष बनाने की सिफारिश की थी, लेकिन बाद में उन्हें जलन हुई क्योंकि उन्हें दक्षिण क्षेत्र सचिव का पद मिला था। उन्होंने कहा कि मैंने स्टालिन से कहा कि करुणानिधि के बाद आप पार्टी में सबकुछ होंगे। मैं यह समझने में नाकाम रहा हूं कि उन्होंने मुझे इस तरह क्यों धोखा दिया।