राहुल के आरोपों पर रक्षा मंत्रालय की दो-टूक, फिंगर चार ही नहीं, फिंगर आठ तक है भारतीय भूभाग
राहुल के आरोपों के बाद रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में पैंगोग सो लेक इलाके में सैनिकों को पीछे हटाने के लिए चीन के साथ समझौते को अंतिम रूप देने के लिए किसी भी इलाके से अपने दावे को नहीं छोड़ा गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। सरकार ने साफ कर दिया है कि पैंगोंग झील इलाके से सैनिकों की वापसी को लेकर चीन से हुए समझौते में भारत ने अपनी कोई जमीन पड़ोसी देश को नहीं सौंपी है। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारतीय भूभाग फिंगर चार तक ही नहीं, बल्कि भारत के मानचित्र के हिसाब से फिंगर आठ तक है। समझौते पर सवाल उठाने वालों को आड़े हाथों लेते हुए रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि पूर्वी लद्दाख में राष्ट्रीय हितों और भूभाग की प्रभावकारी तरीके से रक्षा इसलिए हुई है कि सरकार ने हमारी सेनाओं की क्षमता में पूरा विश्वास जताया है।
देश के वीर जवानों का अपमान
रक्षा मंत्रालय ने यह भी कहा कि हमारे सैन्य बलों की कुर्बानी के जरिये हासिल हुई इस उपलब्धि पर जो सवाल खड़े कर रहे हैं, वे इन सैनिकों का अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी के प्रेस कांफ्रेंस के कुछ घंटों बाद ही रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान जारी कर तथ्यों को साफ किया।
रक्षा मंत्री ने भी दिया था जवाब
कांग्रेस नेता का नाम लिए बिना रक्षा मंत्रालय ने कहा कि पैंगोंग झील इलाके में सैनिकों की वापसी पर हुए समझौते को लेकर कुछ भ्रामक और गुमराह करने वाले बयान सामने आए हैं। इसके मद्देनजर रक्षा मंत्रालय फिर से दोहरा रहा है कि समझौते से जुड़े तथ्यों की स्थिति रक्षा मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में पूरी तरह स्पष्ट कर दी थी।
फिंगर आठ तक पेट्रोलिंग के रुख पर कायम है भारत
रक्षा मंत्रालय ने इसके बाद फिंगर चार तक भारतीय भूभाग होने के राहुल के बयान पर कहा कि यह बयान पूरी तरह गलत है। भारत के मानचित्र में 43,000 वर्ग किलोमीटर का वह इलाका भी शामिल है, जो 1962 से चीन के अवैध कब्जे में है। यहां तक कि भारत के नजरिये के अनुसार वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) फिंगर आठ तक है, न कि फिंगर चार तक। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि भारत फिंगर आठ तक पेट्रोलिंग करने के अपने अधिकार के रुख पर कायम रहा है और चीन के साथ मौजूदा समझौते में भी हमारा यही रुख रहा है।
स्थायी पोस्टों पर सैनिकों की तैनाती जारी रहेगी
समझौते में भारतीय सैनिकों के सीमित रहने को लेकर राहुल गांधी के सवालों पर भी रक्षा मंत्रालय ने तस्वीर साफ करते हुए कहा कि पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे के दोनों तरफ स्थायी पोस्ट पुराना और स्थापित है। भारत की तरफ फिंगर तीन के करीब धान सिंह थापा पोस्ट है और चीन की तरफ गर आठ के निकट पूर्व दिशा की तरफ।
जारी रहेगी सैनिकों की तैनाती
ताजा समझौते के तहत दोनों पक्ष अग्रिम मोर्चे पर तैनाती से पीछे हटेंगे और इन स्थायी पोस्टों पर सैनिकों की तैनाती जारी रहेगी। इस समझौते में भारत ने अपना कोई भूभाग नहीं दिया है। इसके विपरीत चीन को एलएसी की मर्यादा का पालन करने के लिए बाध्य करते हुए हमने यथास्थिति को एकतरफा बदलने की कोशिशों को रोका है।
इन इलाकों का समाधान होना अभी शेष है
डेपसांग, गोगरा और हॉट स्पि्रंग इलाके में चीनी सैनिकों की मौजूदगी के राहुल के सवालों पर रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री ने संसद के अपने बयान में स्पष्ट किया था कि इन इलाकों से जुड़े विवाद का समाधान होना अभी बाकी है। पैंगोंग झील के इलाकों से सैनिकों को पीछे हटाए जाने की प्रक्रिया पूरी होने के 48 घंटे के अंदर बचे हुए मुद्दों के समाधान पर बातचीत होगी।