मध्य प्रदेश: कमलनाथ सरकार के फैसलों की समीक्षा के लिए मंत्री समूह का गठन
इस बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि राज्य सरकार को फिलहाल इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कोरोना संकट से कैसे निपटा जाए।
भोपाल, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रियों के एक समूह का गठन किया है जो पूर्व की कमलनाथ सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों की समीक्षा करेगा। इस बीच कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि राज्य सरकार को फिलहाल इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कोरोना संकट कैसे निपटा जाए। राजनीति के लिए सरकार के पास आगे पर्याप्त समय है।
राज्य सामान्य प्रशासन विभाग (जीएडी) ने बुधवार शाम को समूह का गठन किया, जिसमें राज्य के स्वास्थ्य और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल शामिल हैं। जीएडी के आदेशों में कहा गया है कि यह समूह कमलनाथ सरकार द्वारा 20 मार्च से पहले अपने 6 महीनों के कार्यकाल में लिए गए फैसलों की समीक्षा करेगा। बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ ने 20 मार्च को मध्य प्रदेश के सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था और राज्य की कमान एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी के पास आ गई थी। कांग्रेस के 22 विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कमलनाथ को अपना पद छोड़ना पड़ा था। पूर्व कांग्रेस विधायक सिलावट फिलहाल शिवराज सरकार में मंत्री हैं, जो पहले कमलनाथ के मंत्रीमंडल का भी हिस्सा रह चुके हैं।
कांग्रेस ने चौहान सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह को लेकर सवाल उठाए हैं। एमपी में कांग्रेस के माडिया कॉर्डिनेटर नरेंद्र सलूजा ने कहा, "हम हर तरह की समीक्षा का स्वागत करते हैं, लेकिन फिलहाल राज्य कोरोना संकट से जूझ रहा है। कोरोना संकट से निपटना इस वक्त सरकार की प्रथमिकता होनी चाहिए। राजनीति करने के लिए आगे बहुत समय है।" उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह में शामिल एक मंत्री पर विभिन्न घोटालों को लेकर पहले से ही जांच चल रही है। वहीं भाजपा ने दावा किया है कि मंत्री समूह का गठन कोरोना संकट से संबंधित है। भाजपा के राज्य प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण जिस स्थिति का सामना हम वर्तमान में कर रहे हैं। उसके लिए कोरोना से पहले के समय की समीक्षा करना जरूरी है। हमारा पूरा ध्यान इस पर है कि कोरोना संक्रमण को फैलने से कैसे रोका जाए।