सरकार ने कहा- ईवीएम और वीवीपैट से ही होंगे 2019 के चुनाव
साथ ही सरकार ने अप्रैल-मई, 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए कोई अन्य तरीका प्रयोग में लाए जाने की संभावना को भी खारिज कर दिया।
नई दिल्ली [आइएएनएस]। कैराना में हुए लोकसभा उपचुनाव के दौरान ईवीएम और वीवीपैट मशीनों के खराब होने की वजह गर्म मौसम नहीं था। उपचुनाव इसी साल 28 मई को हुआ था। यह जानकारी कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में दी है। साथ ही सरकार ने अप्रैल-मई, 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में मतदान के लिए कोई अन्य तरीका प्रयोग में लाए जाने की संभावना को भी खारिज कर दिया।
मंत्री ने कहा, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) के कई परीक्षणों के बाद चुनाव आयोग ने इन्हें बिल्कुल दुरुस्त पाया है। चौधरी विपक्ष के सांसद नीरज शेखर, जावेद अली खान और रविप्रकाश वर्मा के सवाल के जवाब दे रहे थे। इन सदस्यों ने जानना चाहा था कि अप्रैल-मई की गर्मी में ईवीएम और वीवीपैट के खराब होने की समस्या के कारण विकल्प के रूप में क्या इंतजाम किए गए हैं।
मंत्री ने कहा कि वोटिंग मशीनों के खराब होने की कोई आशंका नहीं है। उन्होंने 28 मई को हुए उपचुनाव के दिन इस्तेमाल की गई मशीनों के बारे में बताया कि कुल 2056 ईवीएम और वीवीपैट मशीनें प्रयोग में लाई गईं। इनमें से सात ईवीएम और 388 वीवीपैट में खराबी आई। इन्हें कुछ ही समय में बदल दिया गया।
उपचुनाव के बाद चुनाव आयोग ने बताया कि वीवीपैट मशीनें पहली बार इतनी बड़ी संख्या में इस्तेमाल की गईं। मतदान कर्मियों को इनके कार्यो की सही जानकारी नहीं थी। तापमान ज्यादा होने, सूर्य की किरणों के सीधे संपर्क में होने और ढंग से रखरखाव न होने की वजह से बडी संख्या में वीवीपैट मशीनें खराब हुईं।