वेल में आने पर किए जाएंगे सस्पेंड, सांसदों के हंगामे से नाराज स्पीकर की कड़ी चेतावनी
दिल्ली हिंसा को लेकर संसद के दोनों सदनों में सांसदों का हंगामा जारी है और इससे कार्यवाही बाधित है। इसे देखते हुए लोकसभा स्पीकर ने चेतावनी जारी की है
नई दिल्ली, प्रेट्र। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को हंगामा करने व कार्यवाही बाधित करने वाले सदन के सदस्यों के लिए सख्त चेतावनी जारी की। उन्होंने कहा कि वेल में आने व हंगामा करने वाले सांसदों को सदन की शेष कार्यवाही से सस्पेंड कर दिया जाएगा। दरअसल, दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर सोमवार को बजट सत्र के दूसरे चरण की शुरुआत संसद में काफी हंगामेदार रही और इसपर कांग्रेस व भाजपा सदस्यों के बीच धक्का मुक्की तक की नौबत आ गई थी। इसके बाद ही स्पीकर ने यह फैसला लिया है। ‘
गृहमंत्री अमित शाह से इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामा मचाते कांग्रेस सांसद वेल तक पहुंच गए। इस दौरान भाजपा सांसदों से धक्का मुक्की भी हुई। वहीं ट्रेजरी बेंच की ओर आने वाले सांसदों को कुछ सांसदों ने रोकने की भी कोशिश की। हंगामा के कारण लोकसभा की कार्यवाही स्थगित हो गई।
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दिल्ली का माहौल तनावपूर्ण है। इसके कारण हुए हिंसा में 46 लोगों की मौत हो चुकी है। विपक्षी सदस्यों ने जैसे ही दिल्ली हिंसा का मुद्दा उठाना चाहा तब स्पीकर ने इसके लिए प्रश्न काल का समय दिया। विभिन्न दलों के साथ पहले किए गए चर्चा का हवाला देते हुए स्पीकर ने कहा कि गंभीर मुद्दों को शून्यकाल के दौरान उठाया जाए। सदस्यों के बीच सहयोग की भावना होनी चाहिए ताकि सदन अच्छे से काम कर सके। सर्वदलीय मीटिंग की ओर संकेत करते हुए बिरला ने कहा कि वह एक फैसला ले रहे हैं कि कार्यवाही के दौरान हंगामा करने ओर वेल में आने वाले सांसदों को सस्पेंड कर दिया जाएगा।
कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस व अन्य पार्टी समेत विपक्ष के तमाम सदस्य दिल्ली हिंसा पर चर्चा चाहते हैं। द्रमुक के टी आर बालू ने कहा कि सरकार ने अभी तक संसद में जवाब नहीं दिया है जबकि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पर तुरंत चर्चा की मांग की। हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, शून्यकाल में विपक्ष यह मुद्दा उठा सकता है। शांति और सामान्य हालात को बहाल करने की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर जोर देते हुए जोशी ने कहा, ‘हम चर्चा के लिए तैयार हैं।’ वहीं विपक्ष के सदस्य संतुष्ट नहीं थे और तुरंत चर्चा की मांग की। इसपर जवाब देते हुए जोशी ने कहा कि स्पीकर को निर्णय लेना चाहिए। बाद में स्पीकर ओम बिरला ने भी कहा कि सदन में पोस्टर की अनुमति नहीं दी जाएगी।