केंद्र ने अनुच्छेद 370 खत्म किया तो जम्मू-कश्मीर से खत्म हो जाएगा उसका रिश्ता : महबूबा
पीडीपी सुप्रीमो महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उसने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किया तो राज्य से उसका नाता खत्म हो जाएगा।
जम्मू (एजेंसी)। पीडीपी की अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार अनुच्छेद-370 खत्म करती है तो राज्य के साथ उसका रिश्ता खत्म हो जाएगा। पीडीपी सुप्रीमो श्रीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में लोगों को संबोधित कर रही थीं।
पीडीपी सुप्रीमो ने कहा कि यदि अनुच्छेद-370 को खत्म किया जाता है तो जम्मू कश्मीर भारत का हिस्सा बनना पसंद नहीं करेगा। जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद-370 एक सेतु की तरह है। यदि इसको तोड़ा जाएगा तो हम, जो जम्मू-कश्मीर और भारत के लिए आवाज उठाते हैं, वह कैसे उठा पाएंगे। यदि आप इस पुल (अनुच्छेद-370) को तोड़ते हैं तो आपको भारत और जम्मू-कश्मीर के बीच के संबंधों को फिर से संगठित करना होगा। इसमें कई शर्तें होंगी। हम आपके साथ जिन शर्तों पर आए थे यदि वो खत्म होंगी तो हमें दोबारा सोचना पड़ेगा... क्या आपके साथ हम बिना शर्तों के रहना चाहेंगे। क्या यह मुस्लिम बहुल राज्य भारत के साथ रहना चाहेगा...। अरुण जेटली साहब को सोचना चाहिए कि इसे तोड़ने से जम्मू-कश्मीर के साथ आपका रिश्ता ही खत्म हो जाएगा। हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने ब्लॉग में अनुच्छेद-35ए को जम्मू-कश्मीर के लिए नुकसानदायक बताया था।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में भी जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 35ए की वैधानिक मान्यता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। इससे पहले महबूबा मुफ्ती ने अनुच्छेद-35ए को लेकर केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि आग से मत खेलो, अनुच्छेद-35ए से छेड़छाड़ मत करो... यदि अनुच्छेद 35ए पर हमला किया गया तो उन्हें (केंद्र सरकार) नहीं पता कि कश्मीर के लोग तिरंगे के बजाय कौन सा झंडा उठा लेंगे।
क्या हैं अनुच्छेद 370 और 35ए में प्रावधान
अनुच्छेद-370 और 35ए में जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। यह केंद्रीय एवं समवर्ती सूचियों में शामिल विषयों पर कानून बनाने के संसद के अधिकारों में कटौती कर कई संवैधानिक प्रावधानों को राज्य में लागू होने से रोकता है। इसके परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर राज्य अपने स्थायी नागरिकों को विशेष अधिकार व सुविधाएं प्रदान करता है। अनुच्छेद-35ए जम्मू-कश्मीर की विधानसभा को राज्य के स्थायी नागरिकों की परिभाषा तय करने का अधिकार देता है।