जानिए क्यों महबूबा मुफ्ती ने फारूक अब्दुल्ला से सर्वदलीय बैठक बुलाने का किया अनुरोध
महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर में हाल में जो घटनाक्रम हुए हैं उससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। मैंने फारूक अब्दुल्ला साहब से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 35-ए पर वैसे तो कश्मीर के सभी क्षेत्रीय दलों की एक ही विचारधारा है, लेकिन ये दल कभी भी इस मुद्दे पर एक साथ एक मंच पर नहीं आए। एक दिन पहले ही अनुच्छेद 35-ए के साथ छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर बताने वाली पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती अब इस मुद्दे पर और मुखर हो गई हैं।
सोमवार को महबूबा ने कहा कि कश्मीर में हाल ही में जो घटनाक्रम हुए हैं, उससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। मैंने फारूक अब्दुल्ला साहब से सर्वदलीय बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। समय की जरूरत है कि सभी एक साथ आएं और एकजुट होकर सरकार को जवाब दें।
महबूबा मुफ्ती ने गत रविवार को पार्टी के स्थापना दिवस पर अनुच्छेद 35ए के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ करने पर केंद्र सरकार को चेताया था। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के उस बयान पर भी तंज कसा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और केंद्र को उस पर विश्वास करना चाहिए।
महबूबा ने कहा था कि अनुच्छेद 35ए पर छेड़छाड़ का किसी को भी अधिकार नहीं है। पीडीपी की स्थापना ही राज्य के विशेषाधिकार के संरक्षण को लेकर हुई थी और जब तक उनकी जान है, वह संघर्ष करती रहेंगी।
उमर बोले, पहले केंद्र की मंशा का पता चले
नेशनल कांफ्रेंस के उपप्रधान और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राज्य के हालात पर चर्चा करने के लिए दूसरे दलों के वरिष्ठ नेताओं को बुलाने से पहले यह समझने का प्रयास करना होगा कि केंद्र सरकार की कश्मीर को लेकर क्या मंशा है। इस समय कश्मीर के हालात को केंद्र सरकार किस तरह से देख रही है। नेशनल काफ्रेंस का ध्यान फिलहाल इसी पर है। यह बात उमर ने एक ट्वीट कर कही।
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