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महबूबा मुफ्ती पर अलगाववादियों संग काम करने का आरोप, भड़काऊ भाषण बना पीएसए का आधार

पांच अगस्त 2019 की तड़के एहतियातन हिरासत में लिए उमर व महबूबा को गत गुरुवार को पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Sat, 08 Feb 2020 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 08 Feb 2020 10:20 PM (IST)
महबूबा मुफ्ती पर अलगाववादियों संग काम करने का आरोप, भड़काऊ भाषण बना पीएसए का आधार
महबूबा मुफ्ती पर अलगाववादियों संग काम करने का आरोप, भड़काऊ भाषण बना पीएसए का आधार

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के अनुच्छेद 370 पर विवादित बयान, आतंकियों के प्रति नरम रवैया और अलगाववादियों के साथ काम करने ही मुख्य रूप से जन सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) का आधार बना। उनकी पार्टी का झंडा और निशान भी उनके लिए पीएसए के कारणों में एक है। सिर्फ महबूबा ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भी अनुच्छेद 370 और जम्मू-कश्मीर भारत विलय पर भड़काऊ बयानबाजी के लिए जरूर रंज होगा। उन पर पीएसए के लिए बनाए आधार पर उनकी बयानबाजी का जिक्र है।

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पांच अगस्त 2019 की तड़के एहतियातन हिरासत में लिए उमर व महबूबा को गत गुरुवार को पीएसए के तहत बंदी बनाया गया है। सूत्रों ने बताया कि महबूबा को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने का जो डोजियर जारी किया है उसमें अलगाववादियों पर नरम रुख और उनके साथ मिलकर काम करने की सूचनाओं व आरोपों का जिक्र है। डोजियर में अनुच्छेद 370 हटाने से पूर्व महबूबा के ट्वीट का हवाला दिया है। आतंकियों के मारे जाने के बाद उनके सम्मान और सेना पर आतंकियों के खिलाफ केमिकल हथियार इस्तेमाल करने के आरोप व तीन तलाक और देशभर में मॉब ¨ल¨चग पर भड़काऊ ट्वीटों का जिक्र भी डोजियर में है।

महबूबा बोली थीं - कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं होगा

डोजियर में महबूबा द्वारा जुलाई 2019 को दिए भाषणों का भी जिक्र है। इसमें महबूबा के उस भाषण का उल्लेख किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 व 35ए से छेड़छाड़ करना बारूद को हाथ लगाने के बराबर होगा। जो हाथ छेड़छाड़ के लिए उठेंगे, वो हाथ ही नहीं वो सारा जिस्म जलकर राख हो जाएगा। एक अन्य भाषण में महबूबा ने कहा था कि अनुच्छेद-370 की समाप्ति पर जम्मू कश्मीर में कोई तिरंगा उठाने वाला नहीं होगा।

पार्टी का निशान और झंडे पर भी सवाल

सूत्रों की मानें तो डोजियर में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के झंडे और निशान का भी जिक्र है। पीडीपी का झंडा हरा है और उसका निशान कलम-दवात है। यह निशान वर्ष 1987 में मुस्लिम युनाइटेड फ्रंट ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दौरान इस्तेमाल किया था। हिजबुल मुजाहिदीन के चीफ कमांडर मुहम्मद यूसुफ उर्फ सलाहुद्दीन ने मुस्लिम युनाइटेड फ्रंट के टिकट पर ही चुनाव लड़ा था।

उमर ने कहा था- आधा है भारत में जम्मू-कश्मीर का विलय

उमर को पीएसए के तहत बंदी बनाए जाने के डोजियर में 370 हटाने के खिलाफ उनकी बयानबाजी का उल्लेख है। इसमें उनके उस बयान का भी जिक्र है जिसमें उन्होंने कहा था कि अनुच्छेद 370 समाप्त करने या इसमें बदलाव से जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय को लेकर नए सिरे से बहस छिड़ जाएगी। जम्मू-कश्मीर के भारत विलय को अर्धमिलन बताने के उनके बयान का डोजियर में हवाला दिया गया है।


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